बापू जी बेदाग हैं, पाक हैं।

बापू जी बेदाग हैं, पाक हैं।


महामंडलेश्वर सूर्यानंद सरस्वतीजी, महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति, हरियाणा

परम आदरणीय, श्रद्धेय, वेदांतनिष्ठ पूज्य बापू जी महाराज समत्व भाव से उस परम पिता परमात्मा का संदेश, उस प्रेम का संदेश भारत के कोने-कोने में जाकर जनता-जनार्दन को देते हैं। ऐसे बापू जी के ऊपर किसी भी प्रकार का आरोप यह संत-समाज कहता है बेबुनियाद है। जितने भी तथाकथित तथ्य हम सुन रहे हैं, देख रहे हैं, मीडिया में जो बातें उछाली जा रही हैं, उनमें से एक भी सत्य नजर नहीं आती है। संत-समाज आज पूरे विश्व को यह बताना चाहता है।

साधु-संतों का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान।

यह एक बापू जी का अपमान नहीं, पूरे संत-समाज का अपमान है। जो समझ रहे हैं कि ‘यह हमारा कर्तव्य नहीं, हमें इसमें शामिल नहींह होना चाहिए’ तो अगर इसी प्रकार सब कुछ होता रहा तो वह दिन दूर नहीं कि एक-एक करके ये आरोप लगभग सबके ऊपर हो जायेंगे। अतः इसको हमें दूर हटाना है, इसका सामना करना है।

महापुरुषों ने कहा हैः

वो पथ क्या पथिक कुशलता ही क्या,

जिसके मार्ग में बिखरे शूल न हों।

नाविक की धैर्य-परीक्षा ही क्या,

जब धारा ही प्रतिकूल न हो।।

एकता में बहुत शक्ति है, संगठन में बहुत शक्ति है। सभी संन्यासी, दसनामी, नाथ सम्प्रदाय, उदासीन सम्प्रदाय किसी भी सम्प्रदाय के महापुरुष हों, बापू जी को अपना मानते हैं। अब सब संत एकजुट होकर ललकारेंगे और उसके बाद किसी प्रकार का दुष्प्रचार नहीं होने दिया जायेगा।

बापू जी बेदाग हैं, पाक हैं। इस सत्य की रक्षा के लिए जन-जन को आगे आना पड़ेगा। अनुकूल स्थिति में बापू जी के प्रवचन कोई भी सुन सकता है, आनंद से झूम सकता है पर ऐसी स्थिति में भी जो साथ दे वही सच्चा संस्कृतप्रेमी है। विपदा में साथ छोड़ देना गद्दारों का काम है।

संत समिति का हर संत एवं साधु-समाज बापू जी के साथ है और साथ रहेगा।

डॉ. सुमन (भूतपूर्व पादरी रॉबर्ट सॉलोमन, इंडोनेशिया)

धर्मांतरण करने वाले लोग हमारे पूजनीय बापू जी के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। आज समय की माँग है ऊँच-नीच भेदभाव को समाप्त करके समर्थ हिन्दू समाज का निर्माण !

स्रोतः ऋषि प्रसाद, अक्तूबर 2013, पृष्ठ संख्या 14, अंक 250

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