बिके हुए चैनलों को घर से निकाल देना चाहिए

बिके हुए चैनलों को घर से निकाल देना चाहिए


श्री अभय वर्तक, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन सस्था

पूज्य बापू जी के ऊपर जो सरासर झूठे आरोप लगाये गये हैं इससे हरेक हिन्दू के मन में पीड़ा हुई है।

हरेक हिन्दू जानता है कि ये जो षड्यन्त्र रचा गया है, इसके पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय शक्ति है, जो इस षड्यन्त्र को नियन्त्रित कर रही है और दुर्भाग्य से हमारे देश के ही कुछ नागरिक चाहे वे मीडिया में हों, चाहे सत्ता में हों उस षड्यन्त्र का एक भाग बन चुके हैं। बापू जी जैसे  संत लोगों की भलाई करते हैं लेकिन सरकार तो उनके चरणों के नीचे काँटे बिछा रही है। हिनदू समाज को इकट्ठा होते देख उनसे सहा नहीं जा रहा है।

हमारे परम पूज्य बापू जी निर्दोष होते हुए भी उनके ऊपर अन्याय किया जा रहा है, वह भी इस राष्ट्र में जहाँ लोकतन्त्र है। सच्चाई सामने लाना जिस पत्रकारिता का प्रथम कर्तव्य है, उन्हीं में से कुछ बिके हुए लोग सच्चाई छुपाकर गलत  बातें लोगों के मन में संस्कारित कर रहे हैं।

जो चैनल हमारे पूजनीय बापू जी के ऊपर कीचड़ उछालते हैं, उन बिके हुए चैनलों को पहले घर से निकाल देना चाहिए। पूज्य बापू जी और हिन्दू धर्म पर झूठे आरोप लगाने वाले चैनलों और पत्रिकाओं का हम सब बहिष्कार करते हैं, उन्हें धिक्कारते हैं !

एक दूसरी स्वतंत्रता की लड़ाई शुरु हो गयी है। सरकार को मालूम है कि ‘अरे, बापू जी पर हम कीचड़ उछाल रहे थे, इतने सारे संत इकट्ठे हो गये ! अब क्या करेंगे ?’ इसलिए सरकार ने रणनीति बनायी है और उनका पहला पत्थर महाराष्ट्र से रखा गया है। महाराष्ट्र में ‘अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून पारित हो गया है। पूरे हिन्दू धर्म व हिन्दू समाज के संतों का विध्वंस करने वाला यह कानून है। मैं सभी संतगणों से यह प्रार्थना करूँगा कि इस ‘पत्थर’ को उसी महाराष्ट्र की जमीन में दबा देना चाहिए।

हमें इस राष्ट्र को हिन्दू राष्ट्र बनाना होगा। जिसमें सरकार वेदपाठशाला चलायेगी, जिसमें सरकार हरेक स्कूल में ‘ऋषि प्रसाद’ को पढ़ायेगी और उसी राष्ट्र में संतों के मार्गदर्शन के अनुसार वहाँ के राज्यकर्ता राज्य करेंगे। ऐसा हिन्दू राष्ट्र बनाने का संकल्प हम करेंगे। फिर कोई हिम्मत नहीं करेगा कि पूज्य बापू जी के ऊपर कीचड़ उछाले।

बापू आशारामजी के ऊपर षड्यन्त्र रचना बहुत निंदनीय है

संत श्री बाबा देविन्दरसिंहजी, अध्यक्ष, आश्रम निर्मल कुटिया

बापू आशारामजी जैसे महात्मा जो लाखों लड़कियों की इज्जत बचाने के लिए नित्य परिश्रम करते हैं, उनके ऊपर यह षड्यन्त्र रचना बहुत निंदनीय है। जिधर-जिधर से आशारामजी जाते हैं उधर-उधर धर्म का रास्ता बनता है व बनेगा। वह भी समाँ आयेगा जब ऐसे संगत फिर बैठेगी और बापू जी ज्ञान का दान करेंगे, वह दिन दूर नहीं।

पूज्य बापू जी निर्दोष हैं

श्री रमेश शिंदे जी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

पूज्य बापू जी निर्दोष हैं। बापू जी ने ‘दिव्य प्रेरणा प्रकाश’ पुस्तक करोड़ों की संख्या में बाँटी है। जिसमें व्यभिचार होता था उस ‘वेलेंटाइन डे’ को बदलकर बापू जी ने ‘मातृ-पितृ पूजन दिन’ बनाया है। जो गलत राह पर जाते थे उन युवाओं को सही मार्ग पर लाने वाले बापू जी हैं और उनके ऊपर ये कैसे आरोप लगाते हैं !

स्रोतः ऋषि प्रसाद, अक्तूबर 2013, पृष्ठ संख्या 12, अंक 250

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