महापुरुषों का भारत को विश्वगुरु बनाने का सत्यसंकल्प श्री नरेन्द्र मोदी जैसे कर्मयोगी द्वारा शीघ्र साकार होगा

महापुरुषों का भारत को विश्वगुरु बनाने का सत्यसंकल्प श्री नरेन्द्र मोदी जैसे कर्मयोगी द्वारा शीघ्र साकार होगा


हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता और गुरुजनों को प्रणाम करके उनका आशीर्वाद लेना यह जीवन में सफलता की चाबी कही गयी है। भगवान श्रीराम, भगवान श्री कृष्ण, भक्त पुंडलिक, श्रवण कुमार, छत्रपति, शिवाजी, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, संत श्री आशाराम जी बापू… ऐसे अनेक संत, महापुरुष, भक्त एवं राजनेता हुए हैं जिन्होंने माता-पिता और गुरुजनों के आदर, वंदन एवं सेवा की पावन मिसाल कायम की।

वर्तमान में भी कुछ ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनका जीवन उपरोक्त संस्कारों से परिपूर्ण है। इनमें से एक हैं भारत के प्रधानंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी। वर्ष 2014 के चुनावों में हासिल हुई जीत के बाद श्री नरेन्द्रभाई मोदी ने सबसे पहले अपनी 96 वर्षीया माँ ‘हीरा बा’ के पास जाकर उनके पैर छुए और आशीर्वाद लिया।

ऐसे संस्कृतिप्रेमी राजनेता भगवान व संतों महापुरुषों की कृपा और करोड़ो-करोड़ों भक्तों साधकों की शुभ-भावना एवं स्नेह प्राप्त कर लेते हैं।

श्री नरेन्द्र मोदी एक जिज्ञासु साधक हैं। उन्होंने अनेक बार पूज्य बापू जी के दर्शन, सत्संग व सान्निध्य का लाभ लिया है। उनके वचनों में- “मैंने तो पूज्य बापू जी को हरियाणा में बैठकर सुना है, पंजाब में भी सुना है, राजस्थान में भी सुना है, उत्तर प्रदेश के गलियारों में सुना है। समग्र राष्ट्र में सामूहिक सत्संग के द्वारा एक नयी चेतना जगी है और उसका एक नया प्रभाव शुरु हुआ है।”

“मेरा ऐसा सौभाग्य रहा है कि जीवन में जब कोई नहीं जानता था, उस समय से बापू जी के आशीर्वाद मुझे मिलते रहे हैं, स्नेह मिलता रहा है। मैं मानता हूँ कि बापू के शब्दों में एक यौगिक शक्ति रहती है। उस यौगिक शक्ति के भरोसे हम करोड़ो गुजरातवासियों के सपने साकार होंगे।”

कुछ वर्ष पूर्व श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तरायण शिविर के अवसर पर पूज्य बापू जी के दर्शन सत्संग का लाभ लिया तथा शुभाशीष पाये थे। उन्होंने कहा थाः “मैं पूज्य बापू जी के श्रीचरणों में प्रणाम करने आया हूँ। मैं मानता हूँ कि भक्ति से बड़ी दुनिया में कोई ताकत नहीं होती और भक्त हर कोई बन सकता है। हम सबको भक्त बनने की ताकत मिले, आशीर्वाद मिले। मैं समझता हूँ कि संतों के आशीर्वाद ही हम सबकी बड़ी पूँजी होती है।

देशभर से आये हुए आप सबको (सत्संगियों को), एक लघु भारत के रूप में मैं अपने सामने देख रहा हूँ। इस पवित्र धरती पर आये हुए आप सभी को मैं नमन करता हूँ।”

बड़ौदा के सत्संग समारोह में पधारे श्री नरेन्द्रभाई मोदी ने कहा थाः “पूज्य बापू जी ! आप देश और दुनिया – सर्वत्र ऋषि-परम्परा की संस्कार धरोहर को पहुँचाने के लिए अथक तपश्चर्या कर रहे हैं। अनेक युगों से चलते आये मानव कल्याण के इस तपश्चर्या-य5 में आप अपने पल-पल की आहुति देते रहे हैं। उसमें से जो संस्कार की दिव्य ज्योति प्रकट हुई है, उसके प्रकाश में मैं और जनता-सब चलते रहें। मैं संतों के आशीर्वाद से ही जी रहा हूँ। मैं यहाँ इसलिए आया हूँ कि लाइसैंस रिन्यू हो जाये। पूज्य बापू जी ने आशीर्वाद दिया और आप सबको वंदन करने का मौका दिया, इसलिए मैं बापू जी का ऋणी हूँ।”

कुछ साल पहले बापू जी ने श्री नरेन्द्रभाई मोदी को शुभाशीष प्रदान करते हुए कहा था कि “हम आपको देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।” बापू जी के संकल्प में करोड़ों साधकों भक्तों का संकल्प भी जुड़ गया और आज वह साकार हो चुका है।

संकल्पमूर्ति के लिए इस वर्ष चुनाव के दौरान साधकों ने अनेक स्थानों पर मतदाता जागृति रैलियाँ भी निकालीं एवं देश में परिवर्तन लाकर एक मजबूत, सक्षम सरकार प्रदान कराने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।

भाजवा एवं सहयोगी दलों के वरिष्ठ राजनेताओं ने समय-समय पर पूज्य बापू जी के सत्संग-दर्शन का लाभ लिया है तथा सुशासन की प्रेरणा प्राप्त की है। बापू जी के प्रति आपके उदगार हैं- “मैं यहाँ पर पूज्य बापू जी का अभिनंदन करने आया हूँ, उऩका आशीर्वचन सुनने आया हूँ….. पूज्य बापू जी सारे देश में भ्रमण करके जागरण का शंखनाद कर रहे हैं, सर्वधर्म-समभाव की शिक्षा दे रहे हैं, संस्कार दे रहे हैं तथा अच्छे और बुरे में भेद करना सिखा रहे हैं। हमारी जो प्राचीन धरोहर थी और जिसे हम लगभग भूलने का पाप कर बैठे थे, बापू जी हमारी आँखों में ज्ञान का अंजन लगाकर उसको फिर से हमारे सामने रख रहे हैं।

बापू जी का प्रवचन सुनकर बड़ा बल मिला है। उनका आशीर्वाद हमें मिलता रहे, उनके आशीर्वाद से प्रेरणा पाकर बल प्राप्त करके हम कर्तव्य के पथ पर निरन्तर चलते हुए परम वैभव को प्राप्त करें, यही प्रभु से प्रार्थना है।

13 दिन के शासनकाल के बाद मैंने कहाः ‘मेरा जो कुछ है, तेरा है।’ यह तो बापू जी की कृपा है कि श्रोता को वक्ता बना दिया और वक्ता को नीचे से ऊपर चढ़ा दिया। जहाँ तक ऊपर चढ़ाया है वहाँ तक ऊपर बना रहूँ, इसकी चिंता भी बापू जी को करनी पड़ेगी।” श्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व प्रधानमंत्री।

यह बात जगजाहिर है कि इसके बाद श्री अटल बिहारी वाजपेयी पहले 13 महीने और फिर 4.5 साल तक प्रधानमंत्री पर रहे।

“मैं जानता हूँ इस सच्चाई को, चाहे इस भारत का कोई मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री क्यों न हो, पूरी पार्टी के द्वारा यदि कोई सार्वजनिक सभा आयोजित करनी हो, तब भी इतनी बड़ा जनसमूह इकट्ठा नहीं किया जा सकता जितना बड़ा जनसमूह आज परम पूज्य बापू जी के दर्शन के लिए यहाँ पर अपनी आँखों के सामने देख रहा हूँ। सुबह 7 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक इतनी भीड़ जुटी रहे ऐसा किसी भी मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री की सभा में नहीं हो सकता, जो मैं यहाँ देख रहा हूँ।

हमारे सबके आस्था व विश्वास के केन्द्र परम पूज्य बापू जी के देशभर में तथा दुनिया के दूसरे देशों में जो प्रवचन चलते हैं, उनके द्वारा अध्यात्म की प्रेरणा हम सबको मिलती रहती है। मैं पुनः उनके चरणों में शीश झुकाकर उन्हें हृदय की गहराइयों से प्रणाम करता हूँ।”

श्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा, वर्तमान केन्द्रीय गृहमंत्री

“पूज्य बापू जी द्वारा दिया जाने वाला नैतिकता का संदेश देश के कोने-कोने में जितना अधिक प्रसारित होगा, जितना अधिक बढ़ेगा, उतनी ही मात्रा में राष्ट्रसुख संवर्धन होगा, राष्ट्र की प्रगति होगी। जीवन के हर क्षेत्र में इस प्रकार के संदेश की जरूरत  है।”

श्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व केन्द्रीय गृहमंत्री एवं उपप्रधानमंत्री

“जगत के हित और प्यारों के कल्याण के लिए जिन्होंने यह देह धारण की है, ऐसे पूज्य बापू जी के चरणों में मैं प्रणाम करता हूँ। आपने जो कुछ बातें कही हैं, हम उनका पालन करेंगे।”

श्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश

“महाराज पूज्य बापू जी ! आपका आशीर्वाद बना रहे क्योंकि मैं राज करने नहीं आयी, धर्म और कर्म को एक साथ जोड़कर मैं सेवा करने के लिए आयी हूँ और वह मैं करती रहूँगी। आप रास्ता बताते रहो और इस राज्यरूपी परिवार की सेवा करने की शक्ति देते रहो।

मैं मानती हूँ कि जब गुरु के साक्षात् दर्शन हो गये हैं तो कुछ बदलाव जरूर आयेगा, राज्य की समस्याएँ हल होंगी व हम लोग जनसेवा के काम कर सकेंगे।” वसुन्धरा राजे सिंधिया, मुख्यमंत्री, राजस्थान।

“बापू जी कितने प्रेमदाता हैं कि कोई भी व्यक्ति समाज में दुःखी न रहे इसलिए सतत प्रयत्न करते रहते हैं। जीवन की सच्ची शिक्षा तो हम भी नहीं दे पा रहे हैं, ऐसी शिक्षा तो पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू जैसे संतशिरोमणि ही दे सकते हैं।” श्रीमती आनंदीबेन पटेल, तत्कालीन शिक्षामंत्री, वर्तमान मुख्यमंत्री।

“हम सबका परम सौभाग्य है कि बापू जी के दर्शन हुए। आपसे आशीर्वाद मिला, मार्गदर्शन भी मिला। आपके आशीर्वाद व कृपादृष्टि से छत्तीसगढ़ में सुख-शांति व समृद्धि रहे। यहाँ के एक-एक व्यक्ति के घर में विकास की किरण आये।”

डॉ.रमन सिंह, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

“श्रद्धेय पूज्य बापू जी ने मुझे आशीर्वाद दिया है। उनके आशीर्वाद से मुझे समाज में अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी।

करोड़ों लोगों को जीवन जीने का मार्ग आपके विचारों से मिलता है। संस्कार और शिक्षा के माध्यम से आपने यह जो लोक-प्रबोधन किया है, इससे हमारे देश में और समाज में अच्छे नागरिक तैयार होंगे जो देश और समाज का गौरव बढ़ाते जायेंगे।” श्री नितिन गडकरी, तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजपा, वर्तमान केन्द्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री

“परम पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू विद्यार्थियों के लिए देश के कोने कोने में आयोजित होने वाले विद्यार्थी तेजस्वी तालीम शिविरों में दुर्लभ एवं विस्मृत यौगिक क्रियाओं एवं अपने शुभ संकल्पों तथा प्रेरणादायी अनुभवसम्पन्न वचनों द्वारा उनमें आध्यात्मिक चेतना का संचार कर भारतीय संस्कृति से अनुप्रमाणित सुसंस्कारों का सिंचन करते हैं।”

डॉ. मुरली मनोहर जोशी, तत्कालीन केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री

“बापू जी की अमृतवाणी का विशेषकर मुझ पर तो बहुत प्रभाव पड़ता है। आपके दर्शनमात्र से ही मुझे एक अदभुत शक्ति मिलती है। इस हिन्दुस्तान में अमन, शांति, एकता एवं भाईचारा बना रहे इसलिए पूज्य बापू जी से आशीर्वाद लेने आया हूँ।” श्री प्रकाश सिंह बादल, मुख्यमंत्री, पंजाब

“हमें आपके मार्गदर्शन की जरूरत है, वह सतत् मिलता रहे। आपने हमारे कंधों पर जो जवाबदारी दी है, उसे हम भलीप्रकार निभायें। लोगों की, संस्कृति की अच्छे ढंग से सेवा करें। सत्य का मार्ग कभी न छूटे, ऐसा आशीर्वाद दो।”

श्री उद्धव ठाकरे, अध्यक्ष, शिवसेना

श्री नरेन्द्र भाई मोदी और इनके सभी साथी देश का नाम बुलंदियों पर ले जायें, भारत में वैदिक संस्कृति का प्रकाश फैलायें। पूज्य बापू जी एवं महापुरुषों का भारत को विश्वगुरु बनाने का सत्यसंकल्प शीघ्र साकार हो। (श्री आर सी मिश्र)

स्रोतः ऋषि प्रसाद, जून 2014, पृष्ठ संख्या 7-9, अंक 258

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *