करोड़ों का जीवन सँवारने वाले संत के साथ ऐसा क्यों ?

करोड़ों का जीवन सँवारने वाले संत के साथ ऐसा क्यों ?


श्रीमती नूतन भल्ला, स्पेशल एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, मुंबई

अभी हाल ही में झूठे केस में फँसाये गये शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती जी न्यायालय से बाइज्जत बरी हुए और स्वामी नित्यानंदजी को बदनाम करने के लिए दिखायी गयी सेक्स सीडी फर्जी निकली। लेकिन वर्षों पहले जब इन पर आरोप लगे, तब से अब तक मीडिया ने जो संतों की इतनी बदनामी कर डाली, उसकी भरपाई कौन और कैसे करेगा ? करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुची, इसका जिम्मेदार कौन है ?

विदेशी ताकतें जो भारत को तोड़ना चाहती हैं, वे भोले-भाले लोगों को आज इस प्रकार भ्रमित कर रही हैं कि भारतवासियों को उनके ही साधु-संतों से नफरत हो जाय। जब संतों के ऊपर झूठे आरोप लगते हैं तो मीडियावाले एक दिन में 8-8 घंटे की ब्रेकिंग न्यूज चलाते हैं लेकिन जब वे न्यायालय से बाइज्जत बरी होते हैं तो मात्र 1-2 मिनट भी उस खबर को चलाते हैं। मीडिया के इस पक्षपातपूर्ण रवैये से भारत के बुद्धिजीवी लोगों का तो मीडिया से विश्वास ही उठ गया है।  मीडिया ने गैंगरेप, हत्या आदि की खबरें दिनभर चला-चलाकर भारत की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अत्यन्त खराब कर दिया है। अरे, भारत में बापू जी जैसे संतों द्वारा कितने निष्काम सेवाकार्य अविरत चल रहे हैं ! ये भी तो कभी मीडियावालों को दिखाने चाहिए। 14 फरवरी के दिन लाखों-करोड़ों बच्चे अपने माता-पिता की आरती-पूजा कर जीवन में आगे बढ़ने हेतु उनसे आशीष पाते हैं…. ये खबरें दिखाने के लिए मीडियावालों को फुर्सत नहीं है क्या ?

आज लगभग 7-8 करोड़ लोग बापू जी कारण अच्छाई के मार्ग पर चल रहे हैं। ये लोग अगर बापू जी से जुड़े नहीं होते तो इन्हीं में न जाने कितने लोग तनावग्रस्त, व्यसनी और क्या-क्या होते ! आकलन कीजिये कि जिन्होंने 7-8 करोड़ लोगों को नेकी की राह व स्वदेशी सिद्धांत पर चलना सिखाया हो, उन महापुरुष का इस देश की सुख, शांति व समृद्धि में कितना बड़ा योगदान है !

आज बापू जी की प्रेरणा से देश के विभिन्न स्थानों पर गरीबों में अनाज, वस्त्र, मिठाई, बर्तन आदि जीवनोपयोगी सामग्रियों का वितरण, गौ सेवा आदि की जा रही है। यह सब कानून के डर से नहीं अपितु लोगों की अच्छाई काम कर रही है, जिसे बापू जी जैसे संतों ने जागृत किया है। ऐसे संतों की बिकाऊ मीडियावाले दिन-रात आलोचना करते रहते हैं। कानून अगर बापू जी के लिए है तो मीडियावालों के लिए भी है। उऩ्हें लोगों की भावनाओं के साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है।

आज करोड़ों लोग जो बापू जी को  मानते हैं क्या वे सब-के-सब अंधश्रद्धालु हैं ? अरे, कोई 500-1000 लोगों को भ्रमित किया जा सकता है लेकिन क्या 7-8 करोड़ लोगों को कोई भ्रमित कर सकता है ? अरे, स्वयं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे उच्च कोटि के बुद्धिजीवी बापू जी के पास 2 घंटे सत्संग सुनने के लिए बैठे रहे। ऐसे और भी कई हैं।

करोड़ों लोगों को जीवन जीने की कला सिखाने वाले बापू जी जैसे संतों के सम्मान की सुरक्षा के लिए भारत के कानून में ठोस प्रावधान होने चाहिए ताकि कोई भी इनकी प्रतिष्ठा और छवि के साथ खिलवाड़ करने का दुस्साहस न कर पाये।

भारतवासियों से अपील है कि आप किसी भी विदेशी षड्यंत्र के शिकार न बनें। हमें जिन संतों ने ध्यान-भजन सिखाया, परिवार में आपसी सौहार्द सिखाया हम उनसे जुड़े रहें व लाभ उठाते रहें।

स्रोतः ऋषि प्रसाद, जुलाई 2014, पृष्ठ संख्या 25, अंक 259

ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *