छोटे से मंत्र का जप करने से क्या होगा ?

छोटे से मंत्र का जप करने से क्या होगा ?


बात उस समय की है जब पंडित गोपीनाथ कविराज अपने गुरुदेव स्वामी विशुद्धानंद जी के आश्रम में रहकर सेवा-साधना कर रहे थे। एक दिन उन्होंने गुरुदेव से पूछाः “गुरुदेव ! हम लोग साधारणतया चंचल मन से जप करते हैं, उसके अर्थ में तो मन लगता नहीं, फिर उसका लाभ ही क्या ?”

गुरुजी बोलेः “बेटा ! मंत्रजप करते हो किंतु महत्त्व नहीं जानते। जाओ मेरे पूजा घर में और ताम्रकुंड को गंगाजल से धोकर ले आओ।”

गुरुदेव ने लाल-भूरे रंग की कोई वस्तु दी और मंत्र बताकर आदेश दिया कि ‘इस वस्तु को ताम्रकुंड पर रखकर दिये हुए मंत्र का जप करो।” गोपीनाथ आज्ञानुसार जप करने बैठे। तभी उनके मन में विचार उठा कि ‘देखें, किसी अन्य मंत्र या कविता के पाठ से यह प्रभावित होती है या नहीं।’ उन्होंने पहले अंग्रेजी की, फिर बंगाली की कविता पढ़ी, उसके बाद श्लोक-पाठ किया किंतु उसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ। अंत में गुरुदेव द्वारा दिया मंत्र जपा और आश्चर्य, मंत्र गुनगुनाते ही वह वस्तु प्रज्वलित हो उठी। बाद में गोपीनाथ ने गुरुदेव को सारी बात बतायी।

गुरुदेव  बोलेः “गुरुमंत्र में तुम्हारी श्रद्धा को दृढ़ करने के लिए मुझे ऐसा करना पड़ा। मन की एकाग्रता के अभाव में मंत्रशक्ति तो काम करती है। वह अपना प्रभाव अवश्य दिखाती है। इसलिए गुरुमंत्र का जप नियमित करना चाहिए, भले ही मन एकाग्र न हो। जप करते रहने से एकाग्रता भी आ जायेगी। चंचल चित्त से किया गया भगवन्नाम अथवा मंत्र जप भी कल्याणकारी होता है।”

एक बार मंत्रशक्ति पर शंका प्रकट करते हुए एक दिन गोपीनाथ ने गुरुजी से पूछाः “गुरुदेव ! आपके द्वारा दिया गया मंत्र मैंने श्रद्धापूर्वक ग्रहण तो कर लिया किंतु विश्वास नहीं होता कि इस छोटे से मंत्र का जप करने से क्या होगा ?”

गुरुदेवः “अभी समझाने से कुछ नहीं समझोगे। 7 दिन तक इस मंत्र का जप करो, फिर देखो क्या होता है। इसकी महिमा तुम स्वयं आकर बताओगे, अविश्वास करने की कोई आवश्यकता नहीं है। जिस प्रकार आग में हाथ डालने से हाथ का जलना निश्चित है, उसी प्रकार मंत्रजप का भी प्रभाव अवश्यम्भावी है।”

गोपीनाथ घर गये और 7 दिन तक गुरुआज्ञानुसार अनुष्ठानपूर्वक मंत्रजप किया। अंतिम दिन उन्हें ऐसा लगा जैसे सारा पूजागृह विद्युतप्रवाह से भर गया हो। वे  आश्चर्यचकित रह गये !

दूसरे दिन प्रातःकाल जाकर गुरुदेव को सारी घटना बता दी। गुरु जी ने कहाः “जिसे तुम एक छोटा सा मंत्र समझ रहे थे वह समस्त विश्व में उपलब्ध विद्युतशक्ति का भंडार है। उसमें इतनी शक्ति समाहित है कि वर्णन सम्भव नहीं है।”

भगवन्नाम में बड़ी शक्ति है। वही भगवन्नाम अगर किन्हीं ब्रह्मज्ञानी महापुरुष के श्रीमुख से मिला हो तो कहना ही क्या !

स्रोतः ऋषि प्रसाद, जनवरी 2017, पृष्ठ संख्या 26 अंक 289

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One thought on “छोटे से मंत्र का जप करने से क्या होगा ?

  1. बहुत ही सुंदर लेख शेयर किया हैं आपने। वास्तव में गुरुदेव भगवान तथा गुरुमंत्र में निष्ठा, श्रद्धा, विश्वास से बढ़कर संसार में कुछ नही है। इसी प्रकार के सत्संग से ही चिरस्थायी आनंद, आश्वाशन, निश्चिंतता, उत्साह की प्राप्ति होती है।

    हरी ॐ

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