115 ऋषि प्रसादः जुलाईः 2002

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

गुरुमन्त्रपरित्यागी….


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से महाराष्ट्र में समर्थ रामदासजी महाराज प्रसिद्ध संत हो गये। वे छत्रपति शिवाजी के गुरु थे। उनके पास भीतर-बाहर दोनों प्रकार का वैभव था। जबकि तुकाराम जी सीधे-सादे, सरल संत थे। उनका नियम था कि कहीं भी कीर्तन करने जाते तो कीर्तन कराने वालों के घर का भी …

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गीता-ज्ञान से विमुखता


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से किसी का भगवान सातवें अर्श पर रहता है तो किसी का भगवान कहीं और बसता है, लेकिन गीता का भगवान तो जीव को रथ पर बैठाता है और खुद सारथी होकर रथ चलाता है। वह खुद छोटा होकर, सारथी होकर भी जीव को शिव का साक्षात्कार कराने …

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