271 ऋषि प्रसादः जुलाई 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

वर्षा ऋतु में स्वास्थ्य-सुरक्षा


(वर्षा ऋतुः 21 जून 2015 से 22 अगस्त 2015 तक) वर्षा ऋतु का नमीयुक्त वातावरण जठराग्नि को मंद कर देता है। शरीर में पित्त का संचय व वायु का प्रकोप हो जाता है, जिससे वात-पित्त जनित व अजीर्णजन्य रोगों का प्रादुर्भाव होता है। अपनी पाचनशक्ति के अनुकूल मात्रा में हलका सुपाच्य आहार लेना और शुद्ध …

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गुरुकृपा है रक्षक और जीवन-परिवर्तक


पूज्य बापू जी एक घटना है स्वामी राम के जीवन की। एक तो हो गये स्वामी रामतीर्थ, जो टिहरी में रहते थे, जिन्होंने देश-परदेश में ब्रह्मज्ञान का डंका बजाया था। दूसरे हो गये स्वामी राम जिनका देहरादून में अभी आश्रम है। उनके गुरु बड़े उच्च कोटि के संत थे। स्वामी राम को गुरु ने आज्ञा …

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गुरु के सत्संग-सान्निध्य का मूल्य


बाबा गम्भीरनाथ नाथ सम्प्रदाय के एक सिद्ध योगी थे। एक बार वे गया के पास एक पहाड़ पर विराजमान थे। उन्हें भीड़ बिल्कुल पसंद न थी किंतु जब साधक दर्शन के लिए आते तो उन्हें सत्संगामृत का पान कराते। जिस पहाड़ पर बाबा जी विराजमान थे, उसी  पहाड़ की तलहटी में चोर-लुटेरों का एक गाँव …

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