270 ऋषि प्रसादः जून 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

Rishi Prasad 270 Jun 2015

संत की दयालुता और प्रकृति की न्यायप्रियता


एक बार अक्कलकोट (महाराष्ट्र) वाले श्री स्वामी समर्थ जंगल में एक वृक्ष के नीचे आत्मानंद की मस्ती में बैठे थे। आसपास हिरण घास चर रहे थे। इतने में कुछ शिकारी आ गये। उन्हें देखते ही हिरण संत की शरण में आ गये। संत ने प्रेम से हिरणों को सहलाया। उनमें हिरण-हिरणी के अलावा उनके दो …

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Rishi Prasad 270 Jun 2015

शीघ्र बन जाओगे धर्मात्मा और महान आत्मा


10 मिनट की अनमोल साधना 4 मई 2015, वैशाखी पूर्णिमा पर पूज्य बापू जी का संदेश यह पूनम तुम्हारे जीवन में स्वास्थ्यदायक और शुभ संकल्प फलित करने वाली बने ! पक्का संकल्प करो कि ‘मैं आसन लगा के एक जगह बैठ के प्रतिदिन कम-से-कम 10 मिनट ‘ॐॐॐ…. ‘ का होठों से जप करूँगा।’ इसको बढ़ाते …

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Rishi Prasad 270 Jun 2015

यह है मानव-जीवन की बड़ी उपलब्धि


गुरु तीन प्रकार के होते हैं- 1. देव गुरु, 2 सिद्ध गुरु, 3. मानव गुरु। देव गुरु- जैसे देवर्षि नारद हैं और बृहस्पति जी हैं। सिद्ध गुरु कभी-कभी परम पवित्र, परम सात्विक, तीव्र तड़प वाले साधक को मार्गदर्शन देते हैं, जैसे – गुरु दत्तात्रेय जी। परंतु मानव गुरु तो मानव के बहुत नजदीक होते हैं, …

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