275 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

सबसे सरल और सबसे सरस


जिसकी भगवन्नाम में निष्ठा हो गयी, उसके लिए संसार में क्या काम बाकी रहा ? भगवन्नाम के अभ्यास से वह मधुर लगने लगेगा। भगवन्नाम का महत्त्व समझते पर स्वतः ही हर समय जप होने लगेगा। फिर तो एक मिनट भी व्यर्थ करना बुरा लगेगा। पहले कुछ समय भजन-कीर्तनादि करना चाहिए और थोड़ी देर गुणानुवाद करना …

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सफलता पाने की सरल कुंजी – पूज्य बापू जी


कोई भी काम प्रारम्भ करो तो 12 बार ॐकार का जप कर लो। यह सारे मंत्रों का, सब सिद्धियों का सारी सफलताओं का प्राण है और सारी शक्तियों का दाता है। सबकी जिगरी जान, अधिष्ठान, आधार ॐकार है इसलिए इसको ‘प्रणव’ भी कहते हैं। महर्षि पतंजलि प्रणीत ‘योगदर्शन’ (समाधिपाद, सूत्रः 27-28) में कहा गया है- …

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आप किसको महत्त्व देते हैं ? – पूज्य बापू जी


वे लोग झगड़ते रहते हैं, अशांत रहते हैं जो सुख को महत्त्व देते हैं, सेवा को महत्त्व नहीं देते हैं, प्रभुप्रेम को, जप-तप को, अंतरात्मा के रस को महत्त्व नहीं देते हैं। जो बाहर से सुखी होना चाहते हैं, वे बाहर भी परेशान, अंदर भी परेशान ! सेवा के बिना कोई भौतिक उन्नति टिक नहीं …

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