भवसिंधु पार उतारणहारः भगवन्नाम
ऋगवेद (4.1.1) में आता हैः अमर्त्यं यजत मर्त्येषु। ‘हे विद्वान लोगो ! मरणधर्मवालों में मरणधर्म से रहित परमात्मा की पूजा करो।’ मरने वाले मनुष्य-शरीर के प्रस्थान की कोई निश्चित घड़ी, क्षण नहीं है। उसके समुद्धार के लिए कलियुग में भगवन्नाम ही एकमात्र उत्तम आधार है। नामु सप्रेम जपत अनायासा। यह सप्रेम नाम-जप इस कलियुग में …