285 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2016

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

विकसित जीवन जीने की पद्धति देती गुरुकुल की शिक्षा


गुरुकुल परम्परा से पढ़ाई हो यह देश का सौभाग्य होगा जन्म से 7 साल तक मूलाधार केन्द्र जो शरीर की नींव है, वह विकसित होता है। 7 से 14 साल की उम्र तक स्वाधिष्ठान केन्द्र विकसित होता है तथा 14 से 21 साल तक मणिपुर केन्द्र का विकास होता है, यह बुद्धि को विकसित करने …

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जग्गा जी से बने संत सुदंरदासजी – पूज्य बापू जी


दौसा जिले के वैश्य की पुत्री सती ने दादू दयाल महाराज के शिष्य जग्गा जी महाराज को प्रणाम किया तो जग्गा जी ने दोनों हाथ उठाकर कहाः “पुत्रवती भव।” दादू जी को पता चला तो उन्होंने कहाः “कैसा चेला है रे ! उसके भाग्य में तो पुत्र था ही नहीं और तूने पुत्रवती भव बोल …

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महाशत्रु कौन और जीवन में विजय कैसे पायें ?


विजयदशमी को रावण को मारकर श्रीराम विजेता हुए थे। महिषासुर आदि राक्षसों को मारकर माता जी ने धरती का बोझ हलका किया था। विजयदशमी से हमें यह संदेशा मिलता है कि भौतिकवाद चले कितना भी बढ़ा-चढ़ा हो, अधार्मिक अथवा बहिर्मुख आदमी के पास कितनी भी सत्ताएँ हों, कितना भी बल हो फिर भी अंतर्मुख व्यक्ति …

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