272 ऋषि प्रसादः अगस्तः 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

गुरु के प्रकाश में जियो


  सदगुरु के सच्चे शिष्य तो मौत को भी भगवान की लीला समझते हैं। ‘मौत आती है तो पुराने कपड़े लेकर नये देती है। अमृतत्व और मृत्यु सबमें भगवान की सत्ता ज्यों-की-त्यों है। हर रोज नींद में मृत्यु जैसी दशा हो जाती है। तो पुष्ट हो जाते हैं, ऐसे ही मृत्यु के बाद नया शरीर …

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हार को जीत में बदल सकते हैं !


पूज्य बापू जी आपके मन में अथाह सामर्थ्य है। आप मन में जैसा संकल्प करो वैसा शरीर में घटित हो जाता है। आप जैसा दृढ़ संकल्प करते हो वैसे ही बन जाते हो। अपने को निर्बल कहो तो संसार में ऐसी कोई शक्ति नहीं जो आपको बलवान बना सके। अपने सर्वशक्तित्व का अनुभव करो तो …

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श्रीकृष्ण अवतार का जीवन-संदेश


  – पूज्य बापू जी मानो न मानो यह हकीकत है…. भगवान श्री कृष्ण के जन्म को 5200 से अधिक वर्ष बीत गये लेकिन अब भी जन्माष्टमी हर वर्ष नित्य नवीन रस, नयी उमंग, नया आनंद-उल्लास ले आती है। जिन्होंने अपने उल्लसित स्वभाव का अनुभव किया है, वे काल के घेरे में नहीं बाँधे जाते …

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