296 ऋषि प्रसादः अगस्त 2017

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

स्वास्थ्यवर्धक हितकारी भोजन कैसा हो ?


सात्त्विक आहार से जीवन में सात्त्विकता और राजसिक-तामसिक आहार से आचरण में स्वार्थपूर्ण एवं पाशविक वृत्तियाँ बढ़ती हैं। हमारा आहार कैसा हो इस संबंध में नीचे कुछ बिंदु दिये जा रहे हैं। भोजन नैतिक हो अनैतिक स्रोतों से धन द्वारा निर्मित भोजन करने से मन में अशांति, भय, अस्थिरता रहती है, जिससे शरीर की रोगप्रतिरोधक …

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सर्वपापनाशक, सर्वहितकारी, मंगलमय मंत्र-विज्ञान


पूज्य बापू जी के सत्संग-अमृत में आता हैः “ॐकार का, भगवन्नाम जप करने से आपको स्वास्थ्य के लिए दुनियाभर की दवाइयों, टॉनिकों, कैप्सूलों और इंजेक्शनों की शरण नहीं लेनी पड़ेगी। भक्तिरस से ही स्वास्थ्य बना रहता है। खुशी के लिए क्लबों में जूठी शराब, जूठे डिनरों का सहारा नहीं लेना पड़ता। भगवान का नाम लेना …

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सत्संगति ही है भगवत्प्राप्ति का सर्वश्रेष्ठ साधन


भगवान श्रीकृष्ण उद्धवजी से कहते हैं- “उद्धव! जो लोग बारह यमों (अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), असंगता, असंचय (आवश्यकता से अधिक धन आदि का संग्रह न करना), आस्तिकता, ब्रह्मचर्य, मौन, स्थिरता, क्षमा और अभय) और बारह नियमों (बाह्य पवित्रता (शुद्धि), आंतरिक पवित्रता (विवेक द्वारा), जप, तप, हवन, श्रद्धा, अतिथि-सेवा, भगवत्पूजा, तीर्थयात्रा, परोपकार की चेष्टा, …

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