119 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2002

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

हेमन्त ऋतु में स्वास्थ्य-रक्षा


शीत ऋतु के दो माह, मार्गशीर्ष और पौष को हेमन्त ऋतु कहते हैं। यह ऋतु विसर्गकाल अर्थात् दक्षिणायन का अंत कहलाती है। इस काल में चंद्रमा की शक्ति सूर्य की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली होती है। इसलिए इस ऋतु में औषधियों, वृक्ष, पृथ्वी की पौष्टिकता में भरपूर वृद्धि होती है व जीव-जंतु भी पुष्ट होते हैं। …

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सिर दीजै सदगुरु मिले तो भी सस्ता जान


परमात्मस्वरूप सदगुरु की महिमा अवर्णनीय है। उनकी महिमा का गुणगान, उनकी स्मृति तथा चिंतन साधकों को अपूर्व सुख, शांति, आनंद और शक्ति प्रदान करता है। वे कर्म में निष्कामता सिखाते हैं, योग की शिक्षा देते हैं, भक्ति का दान देते हैं, ज्ञान की मस्ती देते हैं और जीते जी मुक्ति का अनुभव कराते हैं। आध्यात्मिक …

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श्रद्धा-विश्वास


जब आपके मन में चिंता होती है तो शरीर पर शिकन पड़ती है, भय होता है तो घिग्गी बंध जाती है। काम आने पर उत्तेजना होती है, क्रोध आने पर आँखें लाल हो जाती हैं, खाने का लोभ आने पर जीभ पर पानी आ जाता है। तो इनसे स्पष्ट है कि मनोभावों का प्रभाव शरीर …

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