ईश्वरीय विधान का आदर
पूज्यपाद संत श्री आशारामजी बापू एक होता है ऐहिक विधान और दूसरा होता है ईश्वरीय विधान। ऐहिक विधान का निर्माण ऐहिक लोगों द्वारा होता है और इसमें भिन्नता होती है। अलग-अलग राष्ट्र अपने-अपने हिसाब से अपना विधान बनाते हैं। ऐहिक विधान बनाने वाले कभी गलती भी कर लेते हैं और अमल कराने वाले भी कई …