निरंजन वन में साधु अकेला खेलता है…
पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू कबीर जी कहते हैं- निरंजन वन में साधु अकेला खेलता है….. बख्खड़ ऊपर गौ वीयाई उसका दूध बिलोता है।। मक्खन मक्खन साधु खाये छाछ जगत को पिलाता है। निरंजन वन में साधु अकेला खेलता है… निरंजन वन में…. अंजन माने इन्द्रियाँ। जहाँ इन्द्रियाँ न जा सके वह है निरंजन। उस …