071 ऋषि प्रसादः नवम्बर 1998

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

लौंग


मलक्का एवं अंबोय के देश में लौंग के झाड़ अधिक उत्पन्न होते हैं। लौंग का उपयोग मसालों एवं सुगंधित पदार्थों में अधिक होता है। लौंग का तेल भी निकाला जाता है। लौंग के गुणधर्म लौंग लघु, कडुवा, चक्षुष्य, रूचिकर, तीक्ष्ण, पाककाल में मधुर, पाचक, स्निग्ध, अग्निदीपक, हृद्य, वृष्य और विशद है। यह वायु, पित्त, कफ, …

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ध्यान में पूज्य गुरुदेव का संकेत


भगवान हमें प्रेरणा और उत्साह देते हैं। उन भगवान से प्रार्थना करें कि वे हमारे दिल में शीघ्र ही ज्ञान-पिपासा पैदा करें, हमारा साहस बढ़ायें। जीवन की शाम हो जाय, उससे पहले जीवनदाता प्रभु से हमारी मुलाकात हो जाये। सच्चे हृदय से प्रार्थना करोगे तो आपका मन पवित्र होता जायेगा, रक्त का कण-कण पवित्र होता …

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ईश्वर की आद्यशक्ति और उसका विस्तार


पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू ईश्वर की जो मायाशक्ति है, उसी को आद्यशक्ति कहते हैं। उसी से इस संपूर्ण संसार का व्यवहार चलता है। उसी शक्ति से सत्त्व, रज एवं तम – ये तीन गुण उत्पन्न हुए हैं। सत्त्वगुण के अधिष्ठाता भगवान विष्णु, रजोगुण के अधिष्ठाता भगवान ब्रह्माजी एवं तमोगुण के अधिष्ठाता भगवान शिव माने …

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