091 ऋषि प्रसादः जुलाई 2000

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

सेवा का रहस्य


अपने निजी स्वार्थ को जीवन का एकमात्र लक्ष्य बनाकर एक संकुचित क्षेत्र के अंदर कोल्हू के बैल की तरह घूमते हुए मानव समाज की वास्तविक उन्नति के लिए अत्यन्त आवश्यकता है ʹसेवाʹ की। सेवा संकुचित क्षेत्र में फँसे हुए स्वार्थी मानव को विश्वात्मा के साथ एकत्व कराने की एक अनुपम कला है। श्रद्धा से सम्पृक्त …

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साधना के छः विघ्न


निद्रा, तंद्रा, आलस्य, मनोराज, लय और रसास्वाद – ये छः साधना के बड़े विघ्न हैं। अगर ये विघ्न न आयें तो हर मनुष्य भगवान के दर्शन कर ले। जब हम माला लेकर जब करने बैठते हैं तब मन कहीं से कहीं भागता है। फिर ʹमन नहीं लग रहा….ʹ ऐसा कहकर माला रख देते हैं। घर …

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साधकों के लिए विशेष


संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से जिन्होंने भी दीक्षा ली है, प्राणायाम जानते हैं वे इस गुरुपूनम के बाद 10-10 त्रिबंध प्राणायाम करेंगे। जो नहीं जानते, वे जानकार साधकों से सीख लेंगे। त्रिबंध प्राणायाम से बहुत सारे लाभ होते हैं। गुरु हमें गुरु-परम्परा से प्राप्त कई अनुभवों से सार-सार बातें बता रहे हैं। चाहे …

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