भारतवासियो ! अब जागो
संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से शास्त्रों में आता हैः पूर्वे जनुषि या नारी गर्भघातकारी ह्यभूत्। गर्भपातेन दुःखार्ता साઽत्र जन्मनि जायते।। ʹजो स्त्री पूर्वजन्म में गर्भ का घात करती है, वह इस जन्म में भी गर्भपात का दुःख भोगने वाली होती है अर्थात् उसके कोई संतान नहीं होती।ʹ अपने पेट में दवाएँ डलवाकर अथवा …