099 ऋषि प्रसादः मार्च 2001

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

निद्रा और स्वास्थ्य


जब आँख, कान आदि ज्ञानेन्द्रियाँ और हाथ पैर आदि कर्मेन्द्रियाँ तथा मन अपने-अपने कार्यों में रत रहने के कारण थक जाते हैं तब नींद स्वाभाविक हो आ जाती है।  जो लोग नियत समय पर सोते और उठते हैं, उनकी शारीरिक शक्ति में ठीक से वृद्धि होती है। पाचकाग्नि प्रदीप्त होती है जिससे शरीर की धातुओं …

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मन के जीते जीत….


संत श्री आसाराम बापू जी के सत्संग प्रवचन से जैसे, सागर से लहरियाँ उठती हैं, ऐसे ही सच्चिदानंद परब्रह्म परमात्मारूपी सागर से आपका मन उभरता है। मन के दो छोर हैं- चैतन्यस्वरूप परमात्मा और संसार। जैसे, एक पुल नदी के दो किनारों को जोड़ता है, ऐसे ही परमात्मा एवं जगत को जोड़ने वाले सेतु का …

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भारतवासियों ! अब तो जागो….


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से मैं तो जापानियों को धन्यवाद दूँगा। वे अमेरिका में जाते हैं तो भी अपनी मातृभाषा में ही बातें करते हैं। ….और हम भारतवासी ! भारत में रहते हैं फिर भी अपनी हिन्दी, गुजराती आदि भाषा में अंग्रेजी के शब्द बोलने लगते हैं…. आदत पड़ गयी है। 50 …

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