ज्ञानी का पूजन
संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से दो प्रकार के मनुष्य होते हैं- आस्तिक और नास्तिक आस्तिक एक की शरण लेता है जबकि नास्तिक को हजारों की शरण लेनी पड़ती है। नास्तिक हजार-हजार जगह खुशामद करता है, फिर भी उसका बेड़ा गर्क हो जाता है जबकि आस्तिक केवल एक भगवान की शरण लेता है और …