105 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2001

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

वास्तविक अमृत कहाँ ?


राजा भोज के दरबार में चर्चा हो रही थी किः “अमृत कहाँ होगा ?” एक विद्वान ने कहाः “अमृत कहाँ होगा पूछने की क्या जरूरत है ? स्वर्ग में अमृत है।” दूसरे विद्वान ने कहाः “ठहरो। स्वर्ग में अगर अमृत होता तो फिर स्वर्ग से पतन नहीं होना चाहिए। पुण्यों का नाश नहीं होना चाहिए …

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सात्त्विक ऊर्जा द्वारा दैवी गुणों का विकास करता है पिरामिड


सनातन धर्म के मंदिरों की छत पर एक त्रिकोणीय आकृति बनी होती है। जिसे वास्तुशास्त्र एवं वैज्ञानिक भाषा में पिरामिड कहते हैं। यह आकृति अपने आप में अदभुत है। हमारे ऋषियों ने ब्रह्माण्ड के तत्त्वों का सूक्ष्म अध्ययन करके उनसे लाभ लेने के लिए अनेक प्रयोग किये। मंदिर के शिखर की पिरामिडीय आकृति उन्हीं प्रयोगों …

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महापुरुषों की युक्ति


संत श्री आशाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से संसारियों को कई गुत्थियों का हल नहीं मिल पाता। यदि मिल भी जाता है तो एक को राजी करने में दूसरे को नाराज करना पड़ता है एवं नाराज हुए व्यक्ति के कोप का भाजन बनना पड़ता है। जबकि ज्ञानियों के लिए उन गुत्थियों को हल करना आसान …

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