112 ऋषि प्रसादः अप्रैल 2002

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

संत दर्शन की चाह


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से उड़ीसा के राजा प्रतापरूद्र बड़े धार्मिक एवं साधुसेवी थे। उनका बाहरी वेश तो राजसी था परन्तु भीतर से उनका रोम-रोम भक्ति-भाव से परिपूर्ण था। वे गौरांग (चैतन्य महाप्रभु) के दर्शन करना चाहते थे लेकिन गौरांग ने उनकी बात ठुकरा दी। राजा ने खूब प्रयत्न किये परन्तु गौरांग …

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शास्त्र-अमृत


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से पौरूष दो प्रकार का होता है – एक शास्त्र के अनुसार और दूसरा शास्त्र विरूद्ध। जो शास्त्र को त्याग करके अपनी इच्छा के अनुसार विचरता है वह सिद्धता नहीं पायेगा। जो शास्त्र के अनुसार पुरुषार्थ करता है वह सिद्धता को प्राप्त होगा। जो पुरुष व्यवहार तथा परमार्थ …

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राष्ट्रपति भवन में झाड़ू


अमेरिका में राष्ट्रपति के रूप में आइजन हॉवर को चुना गया। टेलीफोन और तार से लोगों की बधाइयाँ मिलने लगीं और राष्ट्रपति भवन में उपहारों का ढेर लग गया। आइजन हॉवर ने सबकी सौगातें (उपहार) स्वीकार की। सौगात के रूप में एक झाड़ू भी मिली और साथ में लिफ़ाफ़ा भी था। आइजन हॉवर ने सारी …

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