196 ऋषि प्रसादः अप्रैल 2009

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

मन को वश करने के उपाय


पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से मन एव मनुष्याणां कारणं बंधमोक्षयोः । ‘मन ही मनुष्य के बंधन और मोक्ष का कारण है ।’ (मैत्रायण्युपनिषद् 4.4) श्रीकृष्ण कहते हैं- ‘जिसका मन वश में नहीं है उसके लिए योग करना अत्यंत कठिन है, यह मेरा मत है ।’ (गीताः 6.36) मन को वश करने के, स्थिर करने …

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दिव्य दृष्टि


पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से भगवान श्रीरामचन्द्रजी अरण्य में विश्राम कर रहे थे और लखन भैया तीर-कमान लेकर चौकी कर रहे थे । निषादराज ने श्रीरामजी की यह स्थिति देखकर कैकेयी को कोसना शुरु कियाः “यह कैकेयी, इसे जरा भी ख्याल नहीं आया ! सुख के दिवस थे प्रभु जी के और धरती पर …

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कल्याणकारी छः बातें


पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से परमात्मदेव का ज्ञान, परमात्मदेव की प्रीति, परमात्मदेव में विश्रांति मिले ऐसे कर्म, ऐसा चिंतन, ऐसा संग, ऐसे शास्त्रों का अध्ययन करना, ऐसा भाव बनाना पुरुषार्थ है और इसके विपरीत करना प्रमाद है । प्रमाद मौत की खाई में गिराता है । बार-बार जन्मो, बार-बार मरो, बार-बार माँ की कोख …

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