207 ऋषि प्रसादः मार्च 2010

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

जगत सत्य नहीं – पूज्य बापू जी


लाल जी महाराज के गुरुजी कहते थे कि ‘यह जगत जो दिखता है वह सच्चा नहीं है। सच्चा हो तो सबको एक जैसा दिखे। यह मायामात्र है।’ जिसकी जिस वक्त जैसी मान्यता होती है, जितनी मान्यता होती है, उसे उस समय वैसा और उतना जगत दिखता है। गाय, भैंस आदि पशु, पक्षी, वृक्ष सबको अपने …

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हे नर ! दीनता त्याग – पूज्य बापू जी


(श्री वल्लभाचार्य जयंतीः 10 अप्रैल) गुरुकृपा ही केवलं शिष्यस्य परं मंगलम्। मंगल तो अपनी तपस्या से और देवताओं की, बड़ों की कृपा से हो जाता है लेकिन परम मंगल तो सदगुरु से होता है। सदगुरु की कृपा से भगवान आपके शिष्य भी बन सकते हैं। भक्तकवि सूरदास जी  भजन गाते थे। एक बार वे वल्लभाचार्य …

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एक आम से दो काम


एक बार मेरी पत्नी अचानक बीमार हो गयी। उसे ऐसा सर्वाइकल पेन (गर्दन के मनकों का दर्द) हुआ कि तुरंत अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। डॉक्टर ने कहाः “इनको कम-से-कम सात दिन अस्पताल में रहना पड़ेगा।” उसके हाथ, पैर और गर्दन पर वजन लटकाकर लिटा दिया। 3-4 दिन बाद पूज्य बापू जी का सत्संग हरिद्वार …

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