208 ऋषि प्रसादः अप्रैल 2010

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

परम पुरुषार्थ


(पूज्य बापू जी के सत्संग प्रवचन से) मनुष्य सदैव बाहर की परिस्थितियों को दोष देते हुए जीता हैः यदि ऐसा होता, यह अनुकूलता होती तो मैं यह कर देता, मैं वह कर देता….। सुधारक कहते हैं कि यदि हमारे साथ यह सुविधा होती तो हम दुनिया को हिला देते। सब बाहर देखते हैं, मगर अपने …

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क्या आश्चर्य है !


महाभारत के युद्ध में अपने 100 पुत्रों और सारी सेना का संहार हो जाने से धृतराष्ट्र बड़े दुःखी हुए। उनके शोक को शांत करने के लिए धर्मात्मा विदुर जी ने मधुर, सांत्वनापूर्ण वाणी में धर्म का उपदेश दिया। तब राजा धृतराष्ट्र ने कहाः ”विदुरजी ! धर्म के इस गूढ़ रहस्य का ज्ञान बुद्धि से ही …

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ईश्वर प्राप्ति सरल कैसे ?


(पूज्य बापू जी के सत्संग प्रवचन से) ईश्वरप्राप्ति का गणित बहुत सरल है। लोगों ने विषय-विकारों को महत्त्व देके, किसी ने कल्पना और व्याख्या कर-करके ईश्वर प्राप्ति के मार्ग को कोई बड़ा लम्बा-चौड़ा कठिन मार्ग मान लिया। कोई बड़ा लम्बा चौड़ा कठिन मार्ग मान लिया। ईश्वर प्राप्ति से सुगम कुछ है ही नहीं। मैं तो …

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