219 ऋषि प्रसादः मार्च 2011

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

हवाई जहाज की यात्राः तत्त्वज्ञान


(पूज्य बापू जी की पावन अमृतवाणी) उद्धव ने देखा कि अब सोने की द्वारिका के साथ पूरा यदुवंश यानी भगवान का पूरा परिवार उनकी आँखों के सामने खत्म हो रहा है, फिर भी श्रीकृष्ण को कोई शोक नहीं, आसक्ति नहीं। वे आत्मा में निष्ठ हैं, तत्त्व में खड़े हैं। वे प्रपंच को सत्य नहीं मानते। …

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गर्मियों के लिए प्रकृति का उपहारः संतरा


ग्रीष्म में सूर्य की प्रखर किरणें शरीर का स्निग्ध व जलीय अंश को सोखकर उसे दुर्बल बना देती हैं। संतरा अपने शीतल, मधुर व शीघ्र बलवर्धक गुणों से इसकी पूर्ति कर देता है। सेवन के बाद तुरंत ताजगी, शक्ति व स्फूर्ति देना इसका प्रमुख गुण है। यह अनेक पौष्टिक गुणों से भरपूर है। इसमें विटामिन …

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बड़ा सरल है उसे पाना


कुलपति स्कंधदेव के गुरुकुल में प्रवेशोत्सव समाप्त हो चुका था। कक्षाएँ नियमित रूप से चलने लगी थीं। उनके योग और अध्यात्म संबंधित प्रवचन सुनकर विद्यार्थी उनसे बड़े प्रभावित होते थे। एक दिन प्रश्नोत्तर काल में शिष्य कौस्तुभ ने स्कंधदेव से प्रश्न कियाः “गुरुदेव ! क्या इसी जीवन में ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है …

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