237 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2012

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

तर्क का विषय नहीं भगवान


(भगवान की मधुमय लीला) पूज्य बापू जी मधुमय अमृतवाणी अंतर्यामी भगवान तो सर्वत्र हैं, निर्गुण-निराकार हैं, सत्ता-स्फूर्ति देते हैं लेकिन ऐसा भगवान भी चाहिए जो आप न चाहो फिर भी आपकी कोहनी मार के जगा दे, ठेंगा दिखाकर हिला दे, कुछ-न-कुछ करके आपके अंदर छुपा अपना रसीला स्वभाव जगा दे। आपको भगवान की यह लीला …

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शरद ऋतु में पथ्य-अपथ्य


(शरद ऋतुः 22 अगस्त 2012 से 21 अक्तूबर 2012 तक) शरद ऋतु में पित्त कुपित व जठराग्नि मंद रहती है, जिससे पित्त-प्रकोपजन्य अनेक व्याधियाँ उत्पन्न होने की सम्भावना रहती है। अतः इस ऋतु में पित्तशामक आहार लेना चाहिए। पथ्य आहारः इस ऋतु में मधुर, कड़वा, कसैला, पित्तशामक तथा लघु मात्रा में आहार लेना चाहिए। अनाजों …

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सर्वसाफल्यदायी साधना


(पूज्य बापू जी की पावन अमृतवाणी) इस बार चतुर्मास के निमित्त मैं एक ऐसी साधना लाया हूँ कि तुम केवल पाँच मिनट रात को सोते समय और पाँच मिनट सुबह उठते समय यह साधना करोगे तो जो भी तुम्हारी साधना है उसका प्रभाव सौ गुना हो जायेगा और छः महीने के अंदर तुम समाधि का …

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