239 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2012

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

श्रीरंगजी के प्रेरक उपदेश


(श्रीरंग अवधूत जयंती विशेष) एक बार श्रीरंग अवधूत जी से एक भक्त ने प्रश्न कियाः “महाराज ! हमें श्रेय़ के दर्शन क्यों नहीं होते और अश्रेय के तो बार-बार होते हैं ?” श्रीरंगजी बोलेः “वेदशास्त्र और सदगुरु-संतों का सेवन किये बिना ही श्रेय़ के दर्शन ?” “हम तो बहुत वर्षों से वेदशास्त्रों की बातें, कथाएँ …

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सत्संग के दो वचनों का कमाल – पूज्य बापू जी


जो अपने आपको विषय विकारों में, चिंताओं में, दुःखों में धकेलता है, वह अंधकूप में गिरता है और जो अपने आपको भगवत्प्रकाश में, भगवद्ज्ञान में, भगवत्शांति में, भगवन्माधुर्य में, भगवत्प्रेम में पहुँचाता है, वह वास्तव में मनुष्य जीवन का फल पाता है। मनुष्य जीवन में दो चीजें नितांत आवश्यक हैं – बुद्धि और श्रद्धा। बिना …

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सर्वोन्नति का राजमार्गः गोपालन


गोपाष्टमीः 21 नवम्बर वर्ष में जिस दिन गायों की पूजा-अर्चना आदि की जाती है वह दिन भारत में ʹगोपाष्टमीʹ के नाम से मनाया जाता है। जहाँ गायें पाली-पोसी जाती हैं, उस स्थान को गोवर्धन कहा जाता है। गोपाष्टमी का इतिहास गोपाष्टमी महोत्सव गोवर्धन पर्वत से जुड़ा उत्सव है। गोवर्धन पर्वत को द्वापर युग में भगवान …

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