संस्कृति रक्षक महापुरुषों पर कितने हुए प्रहार !
जिस समय इस देश में आद्य शंकराचार्य जी का आविर्भाव हुआ था उस समय असामाजिक तत्त्व अनीति, शोषण, भ्रम तथा अनाचार के द्वारा समाज को गलत दिशा में ले जा रहे थे। समाज में फैली इस अव्यवस्था को देखकर बालक शंकर का हृदय काँप उठा। उसने प्रतिज्ञा की कि “मैं राष्ट्र के धर्मोद्धार के लिए …