262 ऋषि प्रसादः अक्तूबर 2014

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

सामाजिक व्यवस्था को तहस नहस करने का षड्यंत्र


‘दामिनी प्रकरण के बाद बनाये गये यौन-शोषण विरोधी कानूनों में कई मामूली आरोपों को गैर जमानती बनाया गया है। इससे ये कानून किसी निर्दोष पर भी वार करने के लिए सस्ते हथियार बनते जा रहे हैं।’ – यह मत अनेक विचारकों एवं कानूनविदों ने व्यक्त किया है। लोग अपनी दुश्मनी निकालने तथा अपने तुच्छ स्वार्थों …

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संतों का समागम अज्ञान को करता कम – पूज्य बापू जी


‘श्री रामचरितमानस’ के उत्तरकाण्ड में गरूड़जी काकभुशुण्डी जी से 7 प्रश्न पूछते हैं। गरूड़ जी भगवान के वाहन हैं और काकभुशुण्डी जी के सत्शिष्य हैं। गरूड़ जी ने पूछाः सब ते दुर्लभ कवन सरीरा। चौरासी लाख योनियों में सबसे दुर्लभ कौनसा शरीर है ? काकभुशुण्डी जी बोलेः नर तन सम नहिं तवनिउ देही। जीव चराचर …

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मानवमित्र व उत्तम चिकित्सक-भगवान सूर्यनारायण


विश्व के सभी देशों की तुलना में आज भी भारत में जो स्वास्थ्य बरकरार है, वह हमारे देश के दूरद्रष्टा ऋषि-मुनि व संतों द्वारा प्रदत्त प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों व औषधियों की ही देन है। उनमें से एक अति सुलभ, सरल व प्रभावशाली चिकित्सा है ‘सूर्यचिकित्सा’। इससे प्राप्त जो स्वास्थ्य –लाभ ऋषियों ने शास्त्रों में सदियों …

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