माँ मंहगीबा जी का आज्ञापालन और ब्रह्मनिष्ठा
ब्रह्मलीन मातुश्री माँ महँगीबा जी का महानिर्वाण दिवसः 15 अक्तूबर हमारी संस्कृति में संसारी रिश्तों (शरीर के नाते संबंधों) से बढ़कर आत्मिक रिश्तों (परमात्मा के नाते माने गये संबंधों) का आदर है, ज्ञान का आदर है। यही हमारी संस्कृति की महानता है। हमारे देश में ऐसे भी सौभाग्यशाली मनीषी हुए हैं जिन्होंने अपने रिश्तेदारों में …