298 ऋषि प्रसादः अक्तूबर 2017

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

माँ मंहगीबा जी का आज्ञापालन और ब्रह्मनिष्ठा


ब्रह्मलीन मातुश्री माँ महँगीबा जी का महानिर्वाण दिवसः 15 अक्तूबर हमारी संस्कृति में संसारी रिश्तों (शरीर के नाते संबंधों) से बढ़कर आत्मिक रिश्तों (परमात्मा के नाते माने गये संबंधों) का आदर है, ज्ञान का आदर है। यही हमारी संस्कृति की महानता है। हमारे देश में ऐसे भी सौभाग्यशाली मनीषी हुए हैं जिन्होंने अपने रिश्तेदारों में …

Read More ..

पेट को आराम भी दें


उपवास के निमित्त आहार का त्याग करने से आमाशय खाली हो जाता है तथा जठराग्नि के रूप में जो प्राण-ऊर्जा आहार को पचाने का कार्य करती है, उसका उपयोग पाचनतंत्र की सफाई में होने लगता है, जिससे रक्त शुद्ध होने लगता है तथा शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। अतः नियमित रूप से कम …

Read More ..

जवानी में कुछ नहीं करेंगे तो बुढ़ापे में क्या पुरुषार्थ होगा ?


साँईं श्रीलीलाशाह जी का युवाओं को संदेश सब काम अवसर पर होते हैं। रात को 2 बजे चोरे चोरी करके भाग सकता है परंतु दिन को लोगों के सामने चोरी करके भागना उसके लिए कठिन है। सर्दियों में बोयी जाने वाली फसल यदि गर्मियों में एवं गर्मियों में बोयी जाने वाली फसल सर्दियों में बोयी …

Read More ..