300 ऋषि प्रसादः दिसम्बर 2017

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

समाज निर्माण में ब्रह्मवेत्ताओं का योगदान


हम इतिहास देखेंगे तो पायेंगे कि वे ही आत्मोन्नति, राष्ट्रोन्नति व राष्ट्रसेवा में सफल हुए जो ब्रह्मवेत्ता महापुरुषों के मार्गदर्शन मं चले हैं। उन्होंने ही सुन्दर ढंग से अपना एवं समाज का जीवन-निर्माण किया है जिन्होंने जागृत, हयात संतों-महापुरुषों का महत्व समझा है, उनके सत्संग-सान्निध्य का लाभ स्वयं लिया है एवं अपने सम्पर्क में आने …

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सनातन संस्कृति के पर्वों-उत्सवों का मुख्य उद्देश्य – पूज्य बापू जी


भारतीय संस्कृति के उत्सवों में 4 बातें आती हैं- हमारे शरीर की तन्दुरुस्ती की रक्षा हो। हमारे मन में उदारता हो। हमारा सामाजिक सद्व्यवहार और आपकी सौहार्द बढ़े।  हमारे मन का किसी से बेमेल हो गया हो तो त्यौहारों के द्वारा एक दूसरे के नजदीक आ जायें, आपस में मिलें ताकि चार दिन की जिंदगी …

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सनातन धर्म ही राष्ट्रीयता है


योगी अरविन्द जी को षड्यंत्र के तहत वर्षभर जेल में रखा गया। जेल के एकांतवास में उन्हें  भगवान के दर्शन हुए और भगवत्प्रेरणा से सनातन धर्म से सम्बंधित कई रहस्यों की अनुभूति हुई। जेल से रिहा होने के बाद 30 मई 1909 को उत्तरपाड़ा (प. बंगाल) में हुई एक सभा में उस अनुभूति को उन्होंने …

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