302 ऋषि प्रसादः फरवरी 2018

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

ऐसी हो हर युवा वीर की माँग-पूज्य बापू जी


राजा भोज को एक युवक ने अपनी असाधारण प्रतिभा से बड़ा प्रसन्न कर दिया। वह युवक प्रतिदिन प्रातःकाल जल्दी उठता था। सूर्योदय के पहले स्नानादि कर लेने से बुद्धि में सात्त्विकता आती है, स्वभाव में प्रसन्नता आती है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। वह युवक सुबह जल्दी नींद में से उठते ही चिंतन करता …

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साधना का चरम लक्ष्य-पूज्य बापू जी


माला घुमाते-घुमाते एक दिन ऐसा आता है कि मान्यता घूम जाय। जो शरीर में, समाज में, पद-प्रतिष्ठा में अहं बैठा है वह विराट में खो जाय। माला घुमाने का परम लक्ष्य, चरम फल यही है। बस, अजपाजप होने लगे। मानसिक जप बिना माला के भी जप की आदत डालते जायें और फिर कभी जप छूटे …

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सेवा की सीख एवं बिनशर्ती शरणागति-पूज्य बापू जी


सेतुबंध रामेश्वर की स्थापना करने के लिए हनुमान जी को काशी से शिवलिंग लाने हेतु भेजा गया। हनुमान जी को लौटने में थोड़ी देर हो गयी। इधर मुहूर्त बीता  जा रहा था अतः राम जी ने बालू का शिवलिंग बना के स्थापित कर दिया। थोड़ी ही देर में हनुमान जी शिवलिंग लेकर पहुँच गये किंयु …

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