306 ऋषि प्रसादः जून 2018

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

सूक्ष्म बुद्धि, गुरुनिष्ठा व प्रबल पुरुषार्थ का संगमः छत्रसाल


मुख पर ब्रह्मचर्य का तेज, अंग-अंग में संस्कृति रक्षा के लिए उत्साह, हृदय में निःस्वार्थ सेवाभाव – कुछ ऐसे गुण झलकते थे युवा वीर छत्रसाल के जीवन में। उस समय भारतभूमि व सनातन संस्कृति पर मुगलों का अत्याचार बहुत बढ़ गया था। अपनी संस्कृति की रक्षा करने हेतु छत्रसाल ने वीर युवकों का एक दल …

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पूर्ण विकास की 16 सीढ़ीयाँ-पूज्य बापू जी


ये 16 बातें समझ  लें तो आपका पूर्ण विकास चुटकी में होगाः 1.आत्मबलः अपना आत्मबल विकसित करने के लिए ‘ॐ….ॐ….ॐ….ॐ….’ ऐसा जप करें। 2.दृढ़ संकल्पः कोई भी निर्णय लें तो पहले तीसरे नेत्र पर (भ्रूमध्य में आज्ञाचक्र पर) ध्यान करें और निर्णय लें और एक बार कोई भी छोटे मोटे काम का संकल्प करें तो …

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भारी कुप्रचार में भी डटे रहे संत टेऊँराम जी के साधक


(संत टेऊँराम जयंतीः 18 जुलाई 2018) सिंध प्रांत में एक महान संत हो गये – साँईं संत टेऊँराम जी। ये दृष्टिमात्र से लोगों में शांति व आनंद का संचार कर देते थे। इनका सान्निध्य पाकर लोग खुशहाल रहते थे। (ब्रह्मज्ञानी संत की कृपादृष्टि व सान्निध्य से कैसी अनुभूतियाँ होती हैं यह पूज्य बापू जी के …

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