312 ऋषि प्रसादः दिसम्बर 2018

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

कैसी बढ़िया समझ ! – पूज्य बापू जी


किसी सेठ ने एक महात्मा से कई बार  प्रार्थना की कि “आप हमारे घर में अपने श्रीचरण घुमायें !” आखिर एक दिन महात्मा जी ने कह दियाः “चलो, तुम्हारी बात रख लेते हैं । फलानी तारीख को आयेंगे ।” सेठ जी बड़े प्रसन्न हो गये । बाबा जी आने वाले हैं इसलिए बड़ी तैयारियाँ की …

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कैसे होंगे हृदय के नारायण प्रकट ? पूज्य बापू जी


ज्ञाता-ज्ञान-ज्ञेय, द्रष्टा-दर्शन-दृश्य की त्रिपुटी से रहित पद में फतेह सिंह के गुरु महाराज क्षणभर के लिए गये और फतेह सिंह को कहाः “बेटा ! तुम परमात्मा, चैतन्य, सर्वेश्वर भगवान श्री नारायण के विषय में जानते तो हो लेकिन नारायण का रूप समझकर सामने वालों की सेवा करने में अभी तुम तत्पर नहीं हुए । नारायण …

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ब्रह्मज्ञान के अतिरिक्त साधन


शुद्ध अंतःकरण वाले मुमुक्षु के लिए ब्रह्मनिष्ठ सदगुरु के सान्निध्य में ब्रह्मविचार ही मोक्षप्राप्ति का साधन बताया गया है । अंतःकरण को शुद्ध करने के लिए सेवा-सत्कर्म महत्वपूर्ण साधन है । गुरुसेवा से अंतःकरण को शुद्ध किये बिना कितना भी ब्रह्मविचार कर ले, वह मोक्षप्राप्ति तो दूर, सामान्य दुःख-निवृत्ति के भी काम नहीं आता । …

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