321 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2019

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

संतन के कारज सगल सवारे


भक्तमाल में बीठलदास जी की कथा आती है । बीठलदास का संत-सेवा में बड़ा अनुराग था । उन्हें भगवत्कृपा पर पूरा भरोसा था । उसी के बल पर वे अच्छे-अच्छे धनिकों की भी खुशामद नहीं करते थे  और ईश्वर की कृपा से उनकी संत-सेवा भी चलती रहती थी । एक बार धन के मद में …

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माया ऐसी मोहिनी, जैसी मीठी खाँड़


एक नगर में धंदतु नाम के एक धर्मात्मा सेठ रहते थे । एक बार वहाँ नट ने आकर खेल दिखाया । सेठ का इकलौता पुत्र इलायती कुमार उस नट की लड़की के रूप पर आसक्त हो गया और उससे विवाह करवाने के लिए उसने सेठ से निवेदन किया । सेठ ने उसे बहुत समझाया पर …

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ऐसी कथाएँ सुनने वालों के कल्याण में देर नहीं-पूज्य बापू जी


कई वाद हैं, कई सिद्धान्त हैं, कई कहानियाँ हैं । कहानियाँ मनुष्यों को प्यारी लगती हैं । लोगों को कथा-कहानियाँ, किस्से सुनने का, बोलने का, पढ़ने का शौक यह बताता है कि ये उपन्यास क्यों बने और क्यों चलते हैं । कथा पढ़ने-सुनने में मनुष्य की रूचि रहती है इसलिए उपन्यासों का प्रचार चला । …

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