325 ऋषि प्रसादः जनवरी 2020

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

जितनी निष्कामता व प्रभु-प्रेम उतना सुख ! – पूज्य बापू जी


निष्कामता आयेगी तो नम्रता भी आयेगी और नम्रता आयेगी तो जैसे सागर में बिन बुलाये गंगा-यमुना आदि नदियाँ चली आती हैं ऐसे ही यश, धन, ऐश्वर्य, प्रसन्नता, खुशी – ये सब सद्गुण अपने-आप आ जायेंगे । निष्कामता में इतनी शक्ति है लेकिन कामना व स्वार्थ मं अंधे हुए लोग जानते नहीं । जहाँ नम्रता और …

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शोक का कारण व उसके नाश का उपाय


कोई नहीं चाहता है कि वह शोकग्रस्त हो लेकिन प्रायः देखा जाता है कि लोग छोटी-छोटी बातों में शोक से बड़े संतप्त हो उठते हैं । तो शोक से बचने के लिए क्या उपाय किया जाय ? इस संदर्भ में महाभारत के शांति पर्व में भीष्म पितामह और धर्मराज युधिष्ठिर का बड़ा ही ज्ञानप्रद व …

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