आए है जो भी बापू के दरपे

आए है जो भी बापू के दरपे ,पाए है सब वो जाए न खाली
सवरे है किस्मत जिसकी इन्होने , हाथो में अपने डोरी संभाली

) यही तन मन में बसते दिखाए हमको रस्ते,इन्ही का नूर सबमे न इनसा कोई जग में
जब भी है डोले नैया भँवर में ,गुरुवर ने आके झटसे बचाली
आए है जो भी बापू के दरपे ,पाए है सब वो जाए न खाली

) यही सबका सहारा न इनके बिन गुजारा, इन्ही की पावन दृष्टि इन्ही से रोशन सृष्टि
जीवन हमारा है इक बगिया, बापू हमारी बगिया के माली
आए है जो भी बापू के दरपे ,पाए है सब वो जाए न खाली

) न इनसे दूर होना पड़ेगा हमको रोना, इन्ही का आसरा है ये धरती आसमाँ है
मांगे बिना ही करते है बापू ,भक्तो पे अपने रहमत निराली
आए है जो भी बापू के दरपे ,पाए है सब वो जाए न खाली

) यही भव से है तारे सभी के कष्ट निवारे, न इंसा साथी कोई जगादे शक्ति सोई
आज्ञा में इनकी जो भी है रहता, उसने तो अपनी बिगड़ी बनाली
आए है जो भी बापू के दरपे ,पाए है सब वो जाए न खाली

) इन्ही का प्यार निश्चल इनके दीदार निर्मल, इन्ही की शरण में सुख है मिटाते सबके दुख है
सुधरे है जीवन जिसपे इन्होने , अपनी निराली नज़रे है डाली

) ये देते है दीक्षा सार है इनकी शिक्षा, यही सबसे है न्यारे सदा है साथ हमारे
पाए है शांति मुक्ति व तृप्ति, जिसने भी इनसे प्रीत लगा ली
आए है जो भी बापू के दरपे ,पाए है सब वो जाए न खाली

) ज्ञान का है समंदर यही बाहर व अन्दर, है तीर्थ इनका ये दर झुकालो अपना ये सिर
इनकी शरण में आकर है लगता, जैसे की सारी खुशिया है पाली
आए है जो भी बापू के दरपे ,पाए है सब वो जाए न खाली