बापूजी मेरे तुम भगवान .......


गुरु चरणोदक जब शीश लगाईं
बस हो गया गंगा स्नान
गुरु मेरे तुम भगवान
बापूजी मेरे तुम भगवान.......


मोक्ष कुटीर के, लगा के फेरे
बीतादूं मैं जीवन तमाम
अब दे दो यही वरदान
गुरु मेरे तुम भगवान
बापूजी मेरे तुम भगवान...............


नाम का दान मिल गया जिसको
उसका तो बन गया काम
गुरु मेरे तुम भगवान
बापू मेरे तुम भगवान....................


अनगिन है लीला तेरी और एक है जिव्हा मेरी
कैसे करूँ गुणगान
गुरु मेरे तुम भगवान
बापू मेरे तुम भगवान..........................


कैसे न तरें जीव बेचारे, तेरे नाम ने तो पत्थर भी तारे
अवगुणों की मैं खान
गुरु मेरे तुम भगवान
बापू मेरे तुम भगवान..................