मंत्र अनुष्ठान

मंत्रजाप मम दृढ़ विश्वासा , पंचम भक्ति यह वेद प्रकाशा

||ॐ गं गणपतये नमः ||

|| ॐ श्री सरस्वत्यै नमः ||

|| ॐ श्री गुरुभ्यो नमः ||

मंत्र जपने की विधि, मंत्र के अक्षर, मंत्र का अर्थ, मंत्र-अनुष्ठान की विधि जानकर तदनुसार जप करने से साधक की योग्यताएँ विकसित होती हैं | वह महेश्वर से मुलाकात करने की योग्यता भी विकसित कर लेता है |

Mala Calculation

जप की संख्या : अपने इष्टमंत्र या गुरुमंत्र में जितने अक्षर हों उतने लाख मंत्रजप करने से उस मंत्र का अनुष्ठान पूरा होता है | मंत्रजप हो जाने के बाद उसका दशांश संख्या में हवन, हवन का दशांश तर्पण, तर्पण का दशांश मार्जन और मार्जन का दशांश ब्रह्मभोज कराना होता है | यदि हवन, तर्पणादि करने का सामर्थ्य या अनुकूलता न हो तो हवन, तर्पणादि के बदले उतनी संख्या में अधिक जप करने से भी काम चलता है | उदाहणार्थ: यदि एक अक्षर का मंत्र हो तो 100000 + 10000 + 1000 + 100 + 10 = 1,11,110 मंत्रजप करने से सब विधियाँ पूरी मानी जाती हैं |

मंत्र संख्या का निर्धारणः कई लोग ‘ॐ’ को ‘ओम’ के रूप में दो अक्षर मान लेते हैं और नमः को नमह के रूप में तीन अक्षर मान लेते हैं। वास्तव में ऐसा नहीं है। ‘ॐ’ एक अक्षर का है और ‘नमः’ दो अक्षर का है। इसी प्रकार कई लोग ‘ॐ हरि’ या ‘ॐ राम’ को केवल दो अक्षर मानते हैं जबकि ‘ॐ... ह... रि...’ इस प्रकार तीन अक्षर होते हैं। ऐसा ही ‘ॐ राम’ संदर्भ में भी समझना चाहिए। इस प्रकार संख्या-निर्धारण में सावधानी रखनी चाहिए।

अनुष्ठान हेतु प्रतिदिन की माला की संख्या

Mantra Akshar Total Mantras Total Mala 3 Days 5 Days 7 Days 9 Days 11 Days 15 Days 21 Days 25 Days 31 Days 35 Days 40 Days
[[mantraAkshar]] [[mantraAkshar * 111110]] [[Math.ceil((mantraAkshar * 111110)/108)]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*3))]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*5))]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*7))]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*9))]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*11))]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*15))]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*21))]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*25))]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*31))]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*35))]] [[Math.ceil( (mantraAkshar * 111110)/(108*40))]]

Anushthan Mala Calculator

Please enter count of alphabets of mantra of which you want to do anushthan
Please enter for how many days you want to do anushthan for
Mantra Akshar [[userMantraAkshar]]
Total Mantras [[userMantraAkshar * 111110]]
Total Mala [[Math.ceil((userMantraAkshar * 111110)/108)]]
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5 Days [[Math.ceil( (userMantraAkshar * 111110)/(108*5))]]
7 Days [[Math.ceil( (userMantraAkshar * 111110)/(108*7))]]
9 Days [[Math.ceil( (userMantraAkshar * 111110)/(108*9))]]
11 Days [[Math.ceil( (userMantraAkshar * 111110)/(108*11))]]
15 Days [[Math.ceil( (userMantraAkshar * 111110)/(108*15))]]
21 Days [[Math.ceil( (userMantraAkshar * 111110)/(108*21))]]
25 Days [[Math.ceil( (userMantraAkshar * 111110)/(108*25))]]
31 Days [[Math.ceil( (userMantraAkshar * 111110)/(108*31))]]
35 Days [[Math.ceil( (userMantraAkshar * 111110)/(108*35))]]
40 Days [[Math.ceil( (userMantraAkshar * 111110)/(108*40))]]

अधिक जानकारी के लिए आश्रम से प्रकाशित इष्टसिद्धि व मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि पुस्तक पढ़ें ।

जिनका मंत्र बड़ा है, वे रोज की मालाएँ पूरी न कर पाते हों तो रोज 120 से 150 माला करने के बाद श्वासोच्छ्वास की गिनती करते हुए मंत्र के अर्थ में शांत होने का अभ्यास करें ।

विद्यार्थियों के लिए सारस्वत्य मंत्र के अनुष्ठान की विधि

यदि विद्यार्थी अपने जीवन को तेजस्वी-ओजस्वी, दिव्य एवं हर क्षेत्र में सफल बनाना चाहे तो सदगुरु से प्राप्त सारस्वत्य मंत्र का अनुष्ठान अवश्य करे।
  1. सारस्वत्य मंत्र का अनुष्ठान सात दिन का होता है।
  2. इसमें प्रतिदिन 170 माला करने का विधान है।
  3. सात दिन तक भोजन भी बिना नमक का करना चाहिए। दूध चावल की खीर बनाकर खाना चाहिए।
  4. श्वेत पुष्पों से सरस्वती देवी की पूजा करने के बाद जप करो। देवी को भोग भी खीर का ही लगाओ।
  5. माँ सरस्वती से शुद्ध बुद्धि के लिए प्रार्थना करो।
  6. स्फटिक के मोतियों की माला से जप करना ज़्यादा लाभदायी है।
  7. बाकी के स्थान, शयन, पवित्रता आदि के नियम मंत्रानुष्ठान जैसे ही हैं।

Tips for Anushthan

  • "ॐ ह्रीं ॐ" का १०८ बार जप करके अनुष्ठान शुरू करने से अनुष्ठान सफल होता है । रोज़ एक माला इस मंत्र की करने से कोई बाधा नहीं आएगी और शरीर व स्थान की शुद्धि होगी ।  ref
  • शुभ दिन: सोमवार, बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार और रविवार
    शुभ तिथि : दूज, तीज, पंचमी, सप्तमी, दशमी, द्वादशी और त्रयोदशी. ( २,३,५,७,१०,१२,१३)
    इन बताये गये दिनों और तिथि में अनुष्ठान शुरू करने में कोई बाधा नहीं होती और हमारा संकल्प पूरा होता है।  ref
  • अनुष्ठान के पहले आंवले का जूस रोज सुबह नाश्ते में लें 5-7 दिन , जिससे नाड़ियाँ शुद्ध रहें.  ref
  • अनुष्ठान करना हो तो सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार या रविवार, इन 5 दिनों में से किसी भी दिन शुरु करें अर्थात मंगलवार और शनिवार को छोड़कर बाकी के 5 दिन शुरु करें अनुष्ठान पूरा होकर रहेगा
    अनुष्ठान की शुरुआत करने से पहले “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र की माला करें तो अनुष्ठान में विघ्न नहीं आयेगा
    फिर श्वास रोककर गुरुमन्त्र का जप करें गुरुदेव की तस्वीर के सामने अपना संकल्प बोलें, ये संकल्प पूरा हो जाये ऐसी प्रार्थना करें जितने दिन का अनुष्ठान कर रहे हैं, जैसे 7 दिन या 11 दिन तो उतने दिन तक हर दिन श्वास रोक कर गुरुमंत्र का जप करके संकल्प बोलने का प्रयोग करें, तो कार्य सिद्ध होगा| ref

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