एक तू ही आधार गुरुवर


एक तू ही आधार गुरुवर, एक तू ही आधार
तू ही तारणहार गुरुवर, तू ही तारणहार

1) भक्ती की ज्योत जगायें मेरे गुरुवर
दुर्गुण दो भगायें मेरे गुरुवर
मूढ़ता सबकी हरने वाले
मूढ़ता सबकी हरने वाले
तुम ही सच्चे सार....
एक तू ही आधार....

2) पावन निर्मल हैं मेरे गुरुवर
ईश की मूरत हैं मेरे गुरुवर
सबपे करुणा करने वाले
सबपे करुणा करने वाले
तुम ही हो अवतार.....
एक तू ही आधार......

3) सबके हैं रखवाले मेरे गुरुवर
सबकी आँखों के तारे मेरे गुरुवर
सबको मार्ग दिखाने वाले
सबको मार्ग दिखाने वाले
तुम ही मुक्ति का द्वार.....
एक तू ही आधार......

4) बिन माँगे सब देते गुरुवर
सबके दुख हर लेते गुरुवर
सबकी बिगड़ी बनाने वाले
सबकी बिगड़ी बनाने वाले
तुम ही सृजनहार........
एक तू ही आधार.........


5) प्रेम प्याला पिलायें मेरे गुरुवर
ज्ञान निराला सुनायें मेरे गुरुवर
द्वेत का भाव मिटाने वाले
द्वेत का भाव मिटाने वाले
हमको करो स्वीकार......
एक तू ही आधार………


6) सबके भाग्य विधाता मेरे गुरुवर
भक्ती मुक्ती दाता मेरे गुरुवर
चौरासी से छुड़ाने वाले
चौरासी को हटाने वाले
टूटे ना तुमसे ये तार...
एक तू ही आधार.....

7) क्रोध की अग्नि बुझाते मेरे गुरुवर
मोह माया से छुड़ाते मेरे गुरुवर
गिरतों को उठाने वाले
गिरतों को हैं उठाने वाले
सच्चे मददगार........
एक तू ही आधार........

8) सबकी नैया बचायें मेरे गुरुवर
भव से पार लगायें मेरे गुरुवर
डूबतों को बचाने वाले
डूबतों को बचाने वाले
तुम ही खेवनहार.......
एक तू ही आधार.......



9) सबका हित करते मेरे गुरुवर
झोली सबकी भरते मेरे गुरुवर
सारी सृष्टि चलाने वाले
सारी सृष्टि चलाने वाले
तुम ही हो करतार.......
एक तू ही आधार........

10) कोई नहीं है तुम बिन हमारा
कोई नहीं है तुम बिन हमारा
तुम ही पालनहार........
एक तू ही आधार........