प्रेम
जब गुरु से हो
गया समझ रब से तार
जुड़
गया
प्रेम जब
गुरु से हो
गया,
समझ रब से तार
जुड़ गया
1) राग द्वेष
व्यापे नहीं, काम
क्रोध तापे
नहीं
ऐसा तुझको
जबसे हो गया, समझ रब
को तू भा गया
प्रेम जब
गुरु से हो गया.………………
2) सेवा
को तत्पर रहे, परहित की नीति
कहे
ऐसा तुझको
जबसे हो गया, समझ
द्वन्द मोह छूट गया
प्रेम जब
गुरु से हो
गया.………………
3) गुरुज्ञान भाने
लगे,
भक्ति रस आने
लगे
ऐसा तुझको
जबसे हो गया, समझ मन
शुद्ध हो गया
प्रेम जब गुरु
से हो
गया.............................
4) दुख में तू
रोये नहीं, सुख
में तू सोये
नहीं
ऐसा तुझको
जबसे हो गया, समझ रब
को तू भा गया
प्रेम जब
गुरु से हो
गया............................
5) आँखों से
आँसू बहें वाणी
भी कुछ ना कहे
ऐसा तुझको
जबसे हो गया
समझ घट में
फूल खिल गया
प्रेम जब
गुरु से हो गया............................
6) संसार फीका लगे,
हरि नाम प्यारा
लगे
ऐसा तुझको जबसे
हो गया,
समझ भक्तिरंग
चढ़ गया
प्रेम जब
गुरु से हो गया...........................
7) गुरुवर ही प्रभु लगें, मन
में
गुरुभक्ति रहे
ऐसा तुझको
जबसे हो गया, समझ तेरा
काम बन गया
प्रेम जब
गुरु से हो
गया,
समझ रब से तार
जुड़
गया