तुम्ही मेरे राम हो

 

तुम्ही मेरे राम हो
तुम्ही मेरे श्याम हो
तुम्ही मेरी ज़िंदगी
तुम्ही विराम हो
तुम्ही मेरे तीर्थ
तुम्ही चार धाम हो

1) पावन-पावन छवि है तुम्हारी
सुखकर हितकर वाणी तुम्हारी
महिमा तुम्हारी किस विध गाऊँ
शीश झुकाकर बलि बलि जाऊँ
तुम्ही मेरे...............................

2) तुम ही सबके सच्चे दाता
तुम ही पिता हो तुम ही माता
तुम्हारे सिवा अब कुछ नहीं भाता
गुरु और शिष्य का कैसा नाता
तुम्ही मेरे................................

3) चरणों में तेरे जो भी आया
आत्म शांति वो ही पाया
तुमसे बड़ा प्रभु ना कोई और है
तुमसे ही सबके जीवन में भोर है
जिसकी जुड़ी प्रभु तुमसे ड़ोर है
होता नहीं कभी वो कमजोर है
तुम्ही मेरे..................................



4) झूठी दुनिया के झूठे नज़ारे
जान गये हम तुम हो हमारे
तुमसे कभी हम दूर ना जायें
तुमको ही सुमिरें तुमको ही पायें
तुम्ही मेरे.............................