तू चलना मेरे मन गुरु के सहारे
मन मत डुबोये, गुरु मत तारे,
तू चलना मेरे मन गुरु के सहारे,
रावण को दुनिया में कुछ ना कमी थी,
सभी कुछ था लेकिन गुरु मत नहीं थी,
ये सच है कि गुरु मत ही जीवन सवांरे,
तू चलना मेरे मन गुरु के सहारे.…
जहाँ मन की मानी वहीं धोखा खाया,
सही रास्ता तो गुरु ने ही दिखाया,
जो माने गुरु की वो बाज़ी ना हारे,
तू चलना मेरे मन गुरु के सहारे.…
गुरु के वचन पर चलना है मुश्किल,
मगर चलने वालों ने पायी है मंज़िल,
यहीं से मिलेंगे तुझे भी किनारे,
तू चलना मेरे मन गुरु के सहारे.…
बड़ी सीधी-सीधी है हर बात गुरु की,
हर बात में है करामात गुरु की,
कोई भाग्यशाली ये समझे इशारे,
तू चलना मेरे मन गुरु के ही सहारे.