आओ बापूजी के द्वार, गुरु ने लीना है अवतार

 

आओ बापूजी के द्वार, गुरु ने लीना है अवतार

लीना है अवतार, गुरु ने लीना है अवतार

ये है खुशियों का त्यौहार, मिल के झूमो नाचो यार

आओ बापूजी के द्वार, गुरु ने लीना है अवतार

हरि हरि हरि हरि

 

1) चैत वद छः उन्नीस अठानवे, आसुमल अवतरित आंगने

धन्य हो गये माता पिता और धन्य हो गई देश की धरती

हो गया धन्य सारा संसार, गुरु ने लीना है अवतार

आओ बापूजी के द्वार, गुरु ने लीना है अवतार

गुरु गुरु गुरु गुरु

 

2) देव लोक से सभी देवता, करने आये अमृत वर्षा

दर्शन की लेकर अभिलाषा, आये ब्रह्मा और महेशा

ये है विष्णु का अवतार, चरणों में झुक जाओ यार

आओ बापूजी के द्वार, गुरु ने लीना है अवतार

शिव शिव शिव शिव

 

3) ईश प्राप्ति की तड़प में, पहुँच गये वो गुरु के द्वार

सच्ची लगन और सेवा से, उनको मिल गया लीलाशाह का प्यार

पूर्ण गुरु की कृपा से, उनको हो गया आत्म साक्षात्कार

वो तो हो गये भव से पार, गुरु ने लीना है अवतार

आओ बापूजी के द्वार, गुरु ने लीना है अवतार

सतनाम वाहेगुरु सतनाम वाहेगुरु सतनाम वाहेगुरु

 

4) गुरु की आज्ञा पालन करके, ब्रह्म ज्ञान का किया प्रचार

हरि नाम के गुंजन से फिर, हो गयी उनकी जय-जयकार

सबसे प्यारे बापू मेरे, लीला इनकी अपरंपार

करते सबका बेड़ा पार, ये हैं ईश्वर का अवतार

आओ बापूजी के द्वार, गुरु ने लीना है अवतार