Gopala-Gopala Nandlala  

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ ---------------------------- ॐ 
 

हर चित्त में बसेरा कर डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला 

गोपाला – गोपालानन्द लाला -

 

कारागार में जन्म लियो हैसृष्टि पर उपकार कियो है

तूने खोल दिया हर एक ताला रे गोपाला

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला -


ग्वाल - बाल संग यमुना किनारेखेलन गयो मोरे कृष्ण मुरारे
तूने कालिया मर्दन कर डाला रे गोपाला

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

गोकुल पर जब विपदा पडी थीसबकी निगाहें तुम पे गडी थी

तूने गोवर्धन ही उठा डाला रे गोपाला

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

कंस नाम का था दुराचारीसारे जहाँ में खौफ था भारी

खौफ ख़तम तूने कर डाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

सखियन की आँखों के तारेमात यशोदा नन्द दुलारे 

बड़े लाड-प्यार से है पाला   रे गोपाला

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला

गोपाला – गोपालानन्द लाला -

 

छछियन भरी मटकी पे नाचेछोटे पग में नुपुर साजे 

तूने हर एक मन को हर डाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला -

 

ज़हर का प्याला राणा जी ने भेजापिया ज़हर मीरा ने ना सोचा

तूने विष को अमृत कर डाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला

गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

शिशुपाल दिए जा रहा गालीगिनती सौ तक गिन रहे खाली 

फिर धड से शीश हटा डाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

भरी सभा द्रोपदी पुकारेलाज बचाओ भ्राता प्यारे 

तूने चीर अनंत बढ़ा डाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

रणभेरी जब बजने लगी थीकौरव-पांडव सेना लड़ी थी 

तूने गीता अमृत दे डाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

ध्रुव की कथा विलक्षण भारीदेती शिक्षा भक्ति की न्यारी 

तूने नभ स्थान ही दे डाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

पुष्प-कुञ्ज चरणों में चढ़ाएं,  "शुभदर्शन तेरे प्रभु हम पायें 

करो इतनी कृपा हे जगपाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

भक्त नरसी का भात भराया, भक्त के कारन दौड़ा आया 

तू भाई बना भात लाया रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२ 

 

विश्वगुरु तुझे ये जग कहता, सच्चिदानंद तेरे नाम को जपता 

तू ही हम सबका है रखवाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२ 

 

अनगिन तेरे उपकार कन्हैयाकौन सका है उतार कन्हैया?

तुझे भक्तों ने वश में कर डाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

शुभ” को अपना दास बना लोअन्तः करण में वास बना लो

तुझे अर्पण करूँ भाव माला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला - 

 

सर्व कला भरपूर हो स्वामीसकल घटा के अंतर्यामी 

तू ही घट-घट में बसने वाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२ 

 

मित्र सुदामा को गले लगाया, नयन नीर से चरण धुलाया 

तूने एक उदाहरण रच डाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२

 

राम जनम जब तुमने लिया थाहनुमत अपना सेवक किया था 

तूने रावन को ही मिटा डाला रे गोपाला 

तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपालानन्द लाला -