ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
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हर चित्त में बसेरा कर डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
कारागार में जन्म लियो है, सृष्टि पर उपकार कियो है
तूने खोल दिया हर एक ताला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
ग्वाल - बाल संग यमुना किनारे, खेलन गयो मोरे कृष्ण मुरारे
तूने कालिया मर्दन कर डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोकुल पर जब विपदा पडी थी, सबकी निगाहें तुम पे गडी थी
तूने गोवर्धन ही उठा डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
कंस नाम का था दुराचारी, सारे जहाँ में खौफ था भारी
खौफ ख़तम तूने कर डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
सखियन की आँखों के तारे, मात यशोदा नन्द दुलारे
बड़े लाड-प्यार से है पाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गो
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
छछियन भरी मटकी पे नाचे, छोटे पग में नुपुर साजे
तूने हर एक मन को हर डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
ज़हर का प्याला राणा जी ने भेजा, पिया ज़हर मीरा ने ना सोचा
तूने विष को अमृत कर डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
शिशुपाल दिए जा रहा गाली, गिनती सौ तक गिन रहे खाली
फिर धड से शीश हटा डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
भरी सभा द्रोपदी पुकारे, लाज बचाओ भ्राता प्यारे
तूने चीर अनंत बढ़ा डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
रणभेरी जब बजने लगी थी, कौरव-पांडव सेना लड़ी थी
तूने गीता अमृत दे डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
ध्रुव की कथा विलक्षण भारी, देती शिक्षा भक्ति की न्यारी
तूने नभ स्थान ही दे डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
पुष्प-कुञ्ज चरणों में चढ़ाएं, "शुभ" दर्शन तेरे प्रभु हम पायें
करो इतनी कृपा हे जगपाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
भक्त नरसी का भात भराया, भक्त के कारन दौड़ा आया
तू भाई बना भात लाया रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
विश्वगुरु तुझे ये जग कहता, सच्चिदानंद तेरे नाम को जपता
तू ही हम सबका है रखवाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
अनगिन तेरे उपकार कन्हैया, कौन सका है उतार कन्हैया?
तुझे भक्तों ने वश में कर डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
“शुभ” को अपना दास बना लो, अन्तः करण में वास बना लो
तुझे अर्पण करूँ भाव माला रे गोपाला
सर्व कला भरपूर हो स्वामी, सकल घटा के अंतर्यामी
तू ही घट-घट में बसने वाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
मित्र सुदामा को गले लगाया, नयन नीर से चरण धुलाया
तूने एक उदाहरण रच डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
राम जनम जब तुमने लिया था, हनुमत अपना सेवक किया था
तूने रावन को ही मिटा डाला रे गोपाला
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
तू अनेकों नाम रूपों वाला रे गोपाला
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२
गोपाला – गोपाला, नन्द लाला -२