ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

और मुझे पढ़ना आ गया


मेरी उम्र 45 साल है और मैं बिल्कुल पढ़ी-लिखी नहीं हूँ । मेरे घर ऋषि प्रसाद आती थी पर मैं पढ़-लिख नहीं पाती थी, जिससे बहुत दुःख होता था । मैं प्रार्थना करतीः ″बापू जी मुझे पढ़ना सिखा दो ताकि मैं आपके अमृतवचन पढ़ सकूँ । मैं गुरुपूनम पर पूज्य श्री के दर्शन हेतु जोधपुर …

Read More ..

तब तक भवबंधन नहीं कटता – पूज्य बापू जी


पौराणिक कथा है । एक बार पार्वती जी ने भगवान शिवजी से पूछाः ″इतने सारे लोग मंदिरों में जाते हैं, इतने सारे लोग धार्मिक हैं फिर भी उनका भवसागर क्यों नहीं कटता ?″ शिवजी ने कहाः ″वे मंदिरों में तो जाते हैं लेकिन विषय-विकार के पार नहीं जाते, आत्मतीर्थ, आत्ममंदिर वे नहीं जानते । इदं …

Read More ..

सद्गुरु-वचनों में निष्ठा कितना ऊँचा बनाती है – पूज्य बापू जी


विश्वास बहुत बड़ी चीज है । विश्वासो फलदायकः । जैसा विश्वास और जैसी श्रद्धा होगी, वैसा ही फल प्राप्त होगा । नामदेव जी की निष्ठा थी तो कुत्ते में से भगवान को प्रकट होना पड़ा । निष्ठा थी धन्ना जाट की तो सिलबट्टे में से ठाकुर जी प्रकट हो गये । शबरी की भी अपने …

Read More ..