271 ऋषि प्रसादः जुलाई 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

संसार-बंधन से मुक्त होने का उपायः सद्गुरु-सेवा


  सदगुरु की महिमा बताते हुए भगवान श्री कृष्ण कहते हैं- “हे उद्धव ! सदगुरु के लक्षण बताते समय शब्द कम पड़ जाते हैं। जो सनातन पूर्णब्रह्म ही हैं, उन्हें लक्षण की क्या आवश्यकता है ? फिर भी एक लक्षण बताने का स्फुरण आता है कि उनमें सर्वत्र शांति दिखाई देती है। उद्धव ! वह …

Read More ..

साधना में चार चाँद लगाती मानस-पूजा


  (गुरु पूर्णिमाः 31 जुलाई पर विशेष) एक ऐतिहासिक घटित घटना हैः जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करके चैतन्य महाप्रभु कुछ दिन जगन्नाथपुरी में ही रहे थे। उस समय उत्कल (ओड़िशा) के बुद्धिमान राजा प्रतापरूद्र उनके दर्शन करना चाहते थे लेकिन चैतन्य महाप्रभु ने उनकी बात ठुकरा दी। राजा ने खूब प्रयत्न किये परंतु चैतन्य महाप्रभु …

Read More ..

विज्ञान को अब समझ में आयी ध्यान की महिमा


ध्यान सर्वोच्च मेधा, प्रज्ञा, दिव्यता तथा प्रतिभा रूपी अमूल्य सम्पत्ति को प्रकट करता है। मानसिक उत्तेजना, उद्वेग और तनाव की बड़े-में-बड़ी दवा ध्यान है। जो लोग नियमित रूप से ध्यान करते हैं, उन्हें दवाइयों पर अधिक धन खर्च नहीं करना पड़ता। भगवद्ध्यान से मन-मस्तिष्क में नवस्फूर्ति, नयी अनुभूतियाँ, नयी भावनाएँ, सही चिंतन प्रणाली, नयी कार्यप्रणाली …

Read More ..