299 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2017

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

राष्ट्र की पहली आवश्यकता


दार्शनिक कन्फ्यूशियस के एक शिष्य ने उनसे पूछाः “गुरु जी ! एक राष्ट्र के लिए मुख्य रूप से किन-किन चीजों की जरूरत है ?” कन्फ्यूशियस ने कहाः “राष्ट्र की तीन मुख्य जरूरतें होती हैं – सेना, अनाज और आस्था।” “गुरुवर ! यदि इन तीनों में से एक न मिले तो किसे छोड़ा जा सकता है …

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जीवन्मुक्त महापुरुषों की आंतरिक स्थिति


(श्री दत्तात्रेय जयंतीः 3 दिसम्बर 2017) जीवन पूरा हो जाय उससे पहले जीवनदाता का अनुभव करके जीवन्मुक्त अवस्था में प्रतिष्ठित होना ही मानव-जीवन का परम फल है। अवधूत दत्तात्रेय महाराज (जीवन्मुक्त गीता में) जीवन्मुक्त के लक्षण बताते हुए कहते हैं- अपने शरीर की आसक्ति (देहबुद्धि) का त्याग ही वस्तुतः जीवन्मुक्ति है। शरीर का नाश होने …

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गौरक्षा में है मानवता, स्वास्थ्य व संस्कृति की रक्षा-पूज्य बापू जी


गाय की रक्षा करने वाले हम कौन होते हैं ? अरे ! गाय तुम्हारी-हमारी और पर्यावरण की रक्षा करती है। चौरासी लाख प्राणी हैं किंतु देशी गाय के अलावा किसी का मल और मूत्र पवित्र नहीं माना जाता। चाहे कोई महाराजा हो, ब्राह्मण हो या तपस्वी हो फिर भी उसका मलमूत्र लीपने के काम नहीं …

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